Lucknow: Deadly wires are hanging loose on more than one lakh poles, this is the condition after an annual exp

फ्लाईओवर में इस तरह दिखे नंगे तार।
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


केस- 1

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बालू अड्डा से 1090 चौराहे की ओर जाने वाली पुलिया के डिवाइडर पर लगे स्ट्रीट लाइट के पोलों के तार बाहर की ओर निकले हैं। इन पर टेप तो लगा है, लेकिन यदि कोई वाहन सवार इनसे टकराएगा तो करंट लगने से उसकी जान को खतरा हो सकता है।

केस- 2

इस्माइलगंज द्वितीय वार्ड के शंकर विहार सहित कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट के पोल पर स्विच नहीं हैं। ऐसे में लटके नंगे तार की कटिया फंसाकर इन्हें ऑन-ऑफ किया जाता है। यही हाल अन्य कॉलोनियों का है।

पार्कों में हाईमास्ट व फ्लाईओवरों पर लगी लाइटों को मिलाकर शहर में करीब तीन लाख स्ट्रीट लाइटों के खंभे हैं। इनमें से एक लाख से ज्यादा के बिजली के तार खुले हुए हैं। इनसे शंकरपुरवा प्रथम वार्ड की तरह कभी भी हादसा होने का खतरा बना हुआ है। स्ट्रीट लाइटों की हालत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इनमें से आधे में ही स्विच लगे हैं। बाकी को नंगे तारों की कटिया फंसाकर ऑन-ऑफ किया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब स्ट्रीट लाइटों के बेहतर रखरखाव के नाम पर दोहरा खर्च हो रहा है। ईईएसएल कंपनी को सालाना करीब 42 करोड़ रुपये का भुगतान होता है तो नगर निगम का मार्ग प्रकाश विभाग भी साल में करीब 37 करोड़ रुपये खर्च करता है। इसमें कर्मचारियों पर 16 करोड़, स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव पर 14 करोड़ और उपकरण की खरीद के सात करोड़ रुपये शामिल हैं। हालांकि, इसके बाद भी सभी स्ट्रीट लाइटों के स्विच तक नहीं लग सके हैं।

जुगाड़ से जलाई जा रहीं लाइटें

सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग और एलडीए की लाइटों को छोड़कर शहर में नगर निगम की करीब ढाई लाख स्ट्रीट लाइटें हैं। इन्हें चालू व बंद करने के लिए नौ हजार ऑटोमैटिक स्विच लगाए जाने हैं, लेकिन छह साल से मरम्मत का काम करने वाली ईईएसएल अब तक पांच हजार स्विच ही लगा सकी है। इसके चलते करीब एक लाख स्ट्रीट लाइटें खुले तारों के जरिये जुगाड़ से जलाई जा रही हैं। एलडीए, लोक निर्माण विभाग और सेतु निगम की ओर से लगाई गईं स्ट्रीट लाइटों में से भी ज्यादातर में स्विच नहीं लगे हैं।

हादसे के बाद कर रहे खंभों पर टेपिंग

शंकरपुरवा प्रथम वार्ड के पार्क में रविवार को करंट से किशोर की मौत के बाद नगर निगम ने पार्कों में लगे हाईमास्ट पोल, फुटपाथों और डिवाइडर पर लगी स्ट्रीट लाइट के खंभों पर करीब छह फीट की ऊंचाई तक टेपिंग का काम शुरू किया है। इसके लिए अलग-अलग इलाकों में टीमें लगाई गई हैं।



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