लखनऊ में वीआईपी सिक्योरिटी में तैनात हेड कॉन्स्टेबल अजय कुमार तिवारी के लापता बेटे के अपहरण और 10 हजार रुपये फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। फोन करने वाले ने खुद को जीआरपी में तैनात पुलिसकर्मी बताया है। अजय ने महानगर कोतवाली में केस दर्ज कराया है। 

गोंडा निवासी अजय कुमार परिवार के साथ महानगर के रहीमनगर में रहते हैं। अजय के मुताबिक बेटा अरविंद कुमार तिवारी (28) बीते 25 सितंबर को घर से निकला और लापता हो गया। काफी तलाशने के बाद भी उसका पता नहीं चला तो महानगर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। इस बीच दो अक्तूबर को अजय के पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। 

फोन करने वाले ने को जीआरपी में तैनात कर्मचारी विनोद त्रिपाठी बताया और अरविंद के अपहरण की सूचना दी। अरविंद को छोड़ने के एवज में 10 हजार रुपये की फिरौती की मांग भी की। इसके बाद दूसरे नंबर से भी आरोपी ने कई बार फोन करके फिरौती की रकम मांगी। 

रकम देने से मना करने पर आरोपी ने अजय के साथ गालीगलौज की। इस पर अजय कुमार ने बुधवार को फिरौती के लिए कॉल करने वालों के खिलाफ महानगर थाने में केस दर्ज कराया। एसीपी महानगर अंकित कुमार ने बताया कि सर्विलांस की मदद से फिरौती मांगने वालों का पता लगाया जा रहा है। जल्द आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरे में अकेले जाता दिखा अरविंद

एसीपी ने बताया कि अरविंद की तलाश में पुलिस टीम लगी है। सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर वह अकेला जाता नजर आया है। पिता अजय कुमार ने बताया कि अरविंद अपने साथ मोबाइल नहीं ले गया है। इस वजह से पुलिस अरविंद की सही लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही है। बीएड करने के बाद अरविंद शिक्षक की नौकरी के लिए तैयारी कर रहा है।

 



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