Lucknow: Lucknow's air is poisonous, but factories will continue to run as per schedule, review will be done a

लखनऊ में वायु प्रदूषण
– फोटो : अमर उजाला

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औद्योगिक क्षेत्र तालकटोरा की हवा और जहरीली हो गई है। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया। शनिवार को यह 257 ही दर्ज हुआ था। ऐसी हवा सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होती है।

तालकटोरा में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 दर्ज किया गया। अलीगंज में यह 236 रहा। लालबाग की बात करें तो यहां रविवार को सुधार आया। शनिवार को यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 दर्ज हुआ था जो कि रविवार को 157 दर्ज हुआ। गोमतीनगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150, कुकरैल में 149 और बीबीएयू के पास 162 दर्ज किया गया।

 तय समय पर ही चलेंगी फैक्टरियां

शहर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए औद्योगिक इकाइयों के रोटेशन की बात पर उद्यमियों का विरोध रंग लाया है। रविवार को उद्यमियों से मुलाकात के बाद डीएम ने नए निर्देश जारी करते हुए कहा कि फैक्टरियां अपने तय समय पर ही चलेंगी। 15 दिन बाद जिला उद्योग बंधु की बैठक में औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषण की समीक्षा होगी।

शुक्रवार को जिला प्रशासन की तरफ से जारी निर्देश में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए तालकटोरा की औद्योगिक इकाइयों को अलग-अलग समय पर चलाने कि लिए कहा गया था। इसके बाद से तालकटोरा समेत जिले के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों को उद्यमियों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। उद्यमियों की दलील थी कि तालकटोरा में लगा प्रदूषण मापक यंत्र 5 किमी की परिधि को कवर करता है। इस दायरे में चारबाग रेलवे स्टेशन, आलमनगर, आलमबाग व ऐशबाग क्षेत्र भी आते हैं। अति घनत्व वाले इन इलाकों में जाम व निर्माण कार्यों से ज्यादा प्रदूषण होता है। इसलिए सिर्फ इंडस्ट्री को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

इसी मामले में रविवार को शिविर कार्यालय पर अखिल भारतीय उद्योग संघ के उपाध्यक्ष दिनेश गोस्वामी, तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के यूनुस सिद्दीकी, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक श्रीप्रकाश आचार्य, सचिव वैभव अग्रवाल और लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष रितेश श्रीवास्तव ने डीएम से मुलाकात की।

डीएम सूर्यपाल गंगवार ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि अभी ट्रैफिक व निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, यातायात पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। औद्योगिक इकाइयों के लिए कोई निर्देश नहीं जारी किए गए हैं। औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषण से जुड़ी समीक्षा 15 दिन बाद की जाएगी। उद्यमी खुद से ही अपने स्तर पर नियंत्रक मानकों का पालन कर फैक्टरियां संचालित करें।



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