
लखनऊ का फेमस दशहरी आम।
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इन दिनों झुलसा देने वाली गर्मी से सभी हलकान है, लेकिन आम के बागवानों को यह राहत दे रही है। तल्ख मौसम की तीखी धूप इस बार दशहरी आम में मिठास बनकर उतरेगी। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक आम के कुदरती तौर पर पकने के लिए यह सबसे मुफीद मौसम है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल आंधी या ओलावृष्टि कम होने से फसल को नुकसान कम हुआ है। ऐसे में आम की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद है।
10 तक मंडी, बाजारों में दिखेगा फलों का राजा
आम के शौकीनों का इंतजार खत्म होने को है। दशहरी, चौसा, लंगड़ा आम 10 जून तक मलिहाबाद की आम बेल्ट से मंडियों में नजर आने लगेंगे।
एक्सपोर्ट क्वालिटी का है इस बार का आम
अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि इस बार आम की गुणवत्ता बेहतरीन और एक्सपोर्ट क्वालिटी की है। फसल को रोग भी कम लगा। ऐसे में लगभग एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद है। आशा है कि इस बार बागवानों को बेहतर कीमत मिलेगी।
आंकड़े एक नजर में…
– लखनऊ के मलिहाबाद, माल, काकोरी व बीकेटी की आम बेल्ट में लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की बागवानी होती है। यहां दशहरी, चौसा, लंगड़ा जैसी बेहतरीन किस्मों की पैदावार होती है।
– देश के कुल आम उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत अकेले उत्तर प्रदेश में होता है।
– लखनऊ से यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व खाड़ी के देशों में आम का निर्यात होता है। विश्व प्रसिद्ध मलिहाबादी दशहरी आम का दुबई, मस्कट, बहरीन और यूएई में भी जाता है।
फुहार का इंतजार
आम के पकने के समय बारिश का काफी महत्व है। ऐसे समय में बारिश हो जाए तो आम ज्यादा मीठे और आकार में बड़ा हो जाता है। आम के पेड़ों की जड़ों में सिंचाई से भी बेहतर परिणाम मिलेंगे।-डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, सीआईएसएच लखनऊ