लखनऊ पुलिस ने शनिवार को जगदीशपुरा और जीवनी मंडी में भी कई लोगों से संपर्क किया मगर कोई सुराग नहीं मिल सका। लखनऊ पुलिस के दरोगा अरविंद कुमार तिवारी, सुशील कुमार शुक्रवार को आगरा पहुंचे थे। पुलिस की जांच में बदर की एक जनवरी को अंतिम लोकेशन कानपुर रेलवे स्टेशन पर मिली है। उसने रेलवे स्टेशन के नजदीक एटीएम से रुपये निकाले थे।
कपड़ों की फेरी लगाने वाली बस्तियों में भी गई पुलिस
इस्लाम नगर की मीट वाली गली में 150 से अधिक मकान हैं। बदर और अरशद जिस गली में रहते थे, वहां पर अधिकांश परिवार कपड़ों की फेरी लगाने का काम करते हैं। वह गुजरात, दिल्ली आदि राज्यों से साड़ियां लेकर आते हैं। ट्रांस यमुना थाना और लखनऊ पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि अधिकांश ने फेरी के लिए इलाके बांट रखे हैं। बदर और अरशद छत्ता और जगदीशपुरा इलाके में फेरी लगाने जाते थे। वहां कई लोग उनके संपर्क में थे। लखनऊ पुलिस ने शनिवार को छत्ता के जीवनी मंडी और जगदीशपुरा और लोहामंडी क्षेत्र की खाक छानी।
पूरन का बेटा जितेंद्र आया था बदर के घर
इस्लाम नगर में 18 दिसंबर की रात आस्मां अपनी दोनों बेटियों व एक युवक के साथ मकान से सामान निकालने आई थीं। शनिवार को पुलिस ने उसका पता खोज निकाला। वह गांव पोइया खंदौली के पूरन का बेटा जितेंद्र था। शनिवार को लखनऊ पुलिस गांव पोइया पूरन से पूछताछ करने पहुंची। पूरन ने पुलिस को बताया कि उसकी और बदर की मुलाकात दिल्ली में हुई थी। दोनों सिलाई का काम करते थे।
बदर ने जरूरी सामान निकलवाने में मदद मांगी थी
आगरा आने के बाद भी बदर से उसकी बातचीत होती थी। वह 18 दिसंबर को उनके पास आया था। कहा था कि बस्ती वालों से उसका झगड़ा हो गया है, पूरी बस्ती उसके खिलाफ है। बाहर जाने की बताते हुए जरूरी सामान निकलवाने में मदद मांगी थी। जिस पर उन्होंने अपने बेटे जितेंद्र को भेजा था। आस्मां वहां से तीन बैग में कपड़े आदि निकालकर ले गई थीं।