‘बेटियां मेरी हर प्रकार की सेवा करती हैं’
मेरा एक पुत्र अरशद उर्फ असद, जो शादीशुदा था, अब तलाक हो चुका है। चार पुत्रियां रहमीन, अक्शा, अल्शिफा और आलिया हैं। इनकी उम्र 19, 17, 14 व 8 वर्ष हैं। किसी की शादी नहीं हुई है। बेटियां मेरी हर प्रकार की सेवा करती हैं। मुझको किसी भी प्रकार की दिक्कत और परेशानी नहीं होने देती हैं।
बिना किसी दबाव के बेटियों के नाम पर किया मकान
मुझको भी इनसे काफी हार्दिक स्नेह और प्यार है। लिहाजा इनकी सेवा से खुश होकर मकान को बेटियों के नाम पर किसी दबाव के बिना कर रहा हूं। वसीयत में यह भी लिखा कि जब तक वो जीवित रहेंगे तब तक मकान के मालिक रहेंगे। उनकी मृत्यु के बाद बेटियां रहेंगी। वसीयत में यह भी लिखा कि पुत्र असद का कोई संबंध नहीं है न होगा। इस वसीयत को उन्होंने प्रथम और अंतिम होने का भी दावा किया है।
रजिस्ट्री के बाद हुआ था झगड़ा
थाना ट्रांस यमुना पुलिस की जांच में सामने आया कि बदर ने बेटे की हरकत से परेशान होकर ही वसीयत की थी। उन्होंने एक जनवरी को मकान के आधे हिस्से का सौदा किया था। 14 फरवरी को रजिस्ट्री की थी। इसके बाद ही अरशद ने झगड़ा शुरू कर दिया था। पिता से विवाद किया था। इस पर ही उन्होंने 24 फरवरी को वसीयत की थी। इसमें मृत्यु के बाद मकान पर बेटियों का हक दर्शा दिया था।