मां और बहनों का कत्ल करने वाले अरशद का अमानवीय चेहरा उसके मोहल्ले वालों ने पहले भी कई बार देखा है। अरशद छह साल पहले बीमारी से मरने वाली अपनी सौतेली बहन फरहीन को वह घर में ही दफनाने पर आमादा था। घर के अंदर कब्र तक खोदने लगा था। पड़ोसियों ने समझाने की कोशिश की तो पिता बदरुद्दीन ने जवाब दिया कि जनाजा उठाने के लिए चार लोग चाहिए, घर में कोई और है ही नहीं। इसके बाद पड़ोसी और मोहल्ले के लोगों ने पिता-पुत्र को समझाया, तब जाकर फरहीन को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
वह दर्द से चीखती थी..
घर वापस आने के बाद अरशद ने उसके घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी थी। धीरे-धीरे फरहीन की तबीयत खराब हो गई। उसके पूरे शरीर पर गहरे घाव हो गए थे। वह दर्द से चीखती थी तो पूरे मोहल्ले वाले लोग सुनते थे। इसी दर्द से जूझते हुए उसकी हालत काफी बिगड़ गई और बाद में उसने दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत पर थाना ट्रांस यमुना पुलिस ने 23 दिसंबर 2024 को संज्ञान भी लिया। पत्र मिलने पर पुलिस ने उन्हें काल किया। मगर, अरशद और उसके परिजन नहीं मिले। तब तक पुलिस उनके आने का इंतजार कर रही थी। मोहल्ले के लोगों का कहना था कि पहले दिन ही कार्रवाई हो जाती तो इतनी बड़ी घटना सामने नहीं आती।