Lucknow mass murder case Arshad family lived in Budaun 26 years ago

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आरोपी बदर अली, उसका पुत्र अरशद
– फोटो : अमर उजाला

लखनऊ के होटल में अपनी मां और चार बहनों की हत्या करने वाला अरशद और पिता बदर अली बदायूं के रहने वाले हैं। हालांकि 1998 में बदर अली ने बदायूं छोड़ दिया था। रिश्तेदारों के मुताबिक, आखिरी बार बदर साल 2010 में आया था। इसके बाद से परिवार का कोई सदस्य यहां नहीं आया, न ही रिश्तेदारों से कोई मतलब रखा। 

शहर के मोहल्ला चौधरी सराय की तिलपुरा गली में रहने वाले बदर अली के भतीजे फरहान ने बताया कि उनके बाबा नौशे अली की चार संतान थीं। इसमें उनके पिता उमर फारुख सबसे बड़े थे। इसके बाद बदर अली, फिर कमर अली और सबसे छोटे जफर अली थे। इनमें से उमर फारुख व जफर अली का इंतकाल हो चुका है। 




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अरशद का पिता बदर अली
– फोटो : अमर उजाला

फरहान ने बताया कि उनके चाचा बदर 1998 में ही अपने परिवार को लेकर यहां से दिल्ली चले गए थे। वह वहां सिलाई का काम करते थे। तब उनके दो ही संतानें थीं। इनमें बड़ा बेटा अरशद और बेटी फरीन थी। बाकी चार लड़कियां दिल्ली में हुईं। बाबा नौशे अली भी बदर के साथ दिल्ली में रहने लगे थे। 2003 में नौशे अली का इंतकाल हो गया।


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इसी मकान में रहता था अरशद का परिवार
– फोटो : अमर उजाला

बदायूं में बड़े भाई को बेचा मकान 

बदर अली उनका शव लेकर बदायूं नहीं आया। तब बदायूं से परिवार के लोग दिल्ली गए थे। इसके बाद बदर अली 2010 में यहां आया और अपने मकान का हिस्सा उनके पिता उमर फारुख को बेच दिया। वह मकान बेचने के बाद कभी लौटकर नहीं आया। न ही कोई मतलब रखा। फरहान के मुताबिक, उन्हें भी नहीं पता था कि बदर व उनका परिवार कहां रह रहा है।


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लखनऊ के होटल में जांच करती पुलिस
– फोटो : अमर उजाला

अरशद की करतूत से चचेरे भाई स्तब्ध 

बुधवार को जब टीवी पर इस घटना के बारे में जानकारी मिली तब पता चला कि चाचा और उनके चचेरे भाई अरशद ने लखनऊ में चाची और उनकी बहनों को मार डाला है। अरशद की करतूत से चचेरे भाई स्तब्ध हैं। 


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आरोपी अरशद और मामले की जांच करते पुलिसकर्मी।
– फोटो : amar ujala

अब तक लखनऊ या आगरा की पुलिस ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। इस संबंध में शहर कोतवाली इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। न ही लखनऊ, आगरा पुलिस की तरफ से कोई जानकारी मांगी गई है।




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