संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ

Updated Wed, 24 May 2023 12:06 AM IST

रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सीटीवीएस विभाग को बड़ी सफलता मिली है। आठ साल के बच्चे के दिल में छेद की पहली सर्जरी करने में कामयाबी मिल गई है। ऑपरेशन के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। सर्जरी के लिए मुख्यमंत्री केयर फंड से खर्च का बंदोबस्त किया गया। सफलता पर निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने चिकित्सक डॉ. संकल्प राही व उनकी टीम को बधाई दी है। गदागंज क्षेत्र के आठ साल के एक बच्चे को कुछ दिन पहले पेशाब की नली में विकार की समस्या होने पर पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की ओपीडी में चिकित्सीय सलाह के लिए लाया गया था। बच्चे की जांचें कराई गईं तो चता चला कि उसके दिल में छेद है। दिल के छेद के ऑपरेशन के बाद ही कोई दूसरी सर्जरी की जा सकती है। बच्चे को सीटीवीएस विभाग रेफर कर दिया गया।

एम्स के सीटीवीएस विभाग के कार्डियोथोरासिस एवं वास्कुलर सर्जन डॉ. संकल्प की जांच में दिल में छेद की पुष्टि हो गई। बीती 19 मई को उन्होंने बच्चे के दिल का ऑपरेशन किया। सर्जरी के बाद बच्चे को एक दिन आईसीयू में रखा गया। अब बच्चा सामान्य वार्ड में स्वस्थ हालत में भर्ती है। एम्स में बच्चे के दिल की यह पहली सर्जरी है। डॉ. संकल्प ने बताया कि बच्चे के दिल के छेद पर डेक्रान पैच लगाकर उसे सिला गया है। बड़े लोगों के दिल के कई ऑपरेशन हो चुके हैं, लेकिन बच्चे के दिल का ऑपरेशन होने के कारण काफी रिस्क था, लेकिन पूरी सफलता मिली है।

बीती छह फरवरी को एम्स के सीटीवीएस विभाग में हॉर्ट लंग्स मशीन का उद्घाटन हुआ था। इस मशीन के लगने के बाद एम्स ओपन हार्ट सर्जरी शुरू हो गई। दिल के छेद बंद करने, दिल के खराब वाल्व बदलने, दिल की नसों की बाईपास सर्जरी आदि आसानी से हो सकती है। उंगलियों में सडन या गैंग्रीन, खून की नसों के ट्यूमर से लेकर पुराने ठीक न होने वाले पांव के घावों का भी इलाज किया जा रहा है।



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