लखनऊ। केस की विवेचना में आरोप झूठे होने के बाद फाइनल रिपोर्ट लगाने में वसूली के खेल को उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया। डीसीपी नॉर्थ ने प्रकरण की जांच एसीपी गाजीपुर को सौंपी। जांच रिपोर्ट के आधार पर विवेचक पर कार्रवाई होगी। डीसीपी ने केस में एफआर लगाने के निर्देश दिए हैं। 11 अप्रैल 2022 में सीडीआरआई कैंपस निवासी टेक्निकल असिस्टेंट वर्षा सिंह की हत्या हुई थी। वर्षा मूलरूप से मऊ की रहने वाली थीं। पुलिस ने उनके पति विश्वेश्वर सिंह को जेल भेजा था।
इसी साल 10 जनवरी को विश्वेश्वर सिंह के पिता राजेश कुमार सिंह ने कोर्ट के आदेश पर जानकारीपुरम थाने में वर्षा के भाई विकास सिंह व एक अन्य पर बाइक चोरी का केस दर्ज कराया था। आरोप था कैंपस में खड़ी उनकी बाइक दोनों ने चोरी की है। जांच में आरोप झूठे पाए गए। सीडीआरआई प्रशासन ने भी पुष्टि की कि बाइक आज भी कैंपस में खड़ी है। ऐसे में पुलिस को केस में फाइनल रिपोर्ट लगानी है।
विकास कुछ दिन पहले विवेचक से मिले थे। आरोप है कि विवेचक ने एफआर लगाने के एवज में उनसे 40 हजार रुपये की घूस मांगी। सोमवार के अंक में अमर उजाला ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
डीसीपी नॉर्थ एसएम कासिम आब्दी ने बताया कि प्रकरण में एफआर लगाने को निर्देशित किया गया है। विवेचक को भी तलब किया गया है। मृतका के भाई को भी मंगलवार को बुलाया है। एसीपी गाजीपुर विजय राज सिंह को जांच दी गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई होगी।