रायबरेली। ब्लॉक क्षेत्र से होकर निकल रहे गंगा एक्सप्रेस-वे के दायरे में आ रहे मकानों को मंगलवार को गिराने पहुंचे तहसीलदार की दबंगई से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। तहसीलदार ने ग्राम प्रधान का कालर पकड़कर न सिर्फ गाली गलौज की, बल्कि देख लेने की धमकी दी। ग्रामीणों का आरोप है कि मकानों को गिराने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया है न ही अब तक मुआवजा मिला है। ग्रामीणों के हंगामे के चलते राजस्व विभाग की टीम को जेसीबी लेकर बैरंग लौटना पड़ा।
जगतपुर के ओम नगर में करीब 15 मकान निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे में आ रहे हैं। इन मकानों को हटाने के लिए मंगलवार को ऊंचाहार तहसीलदार अजय गुप्ता, क्षेत्रीय लेखपाल पुष्पेंद्र सोनकर, पंकज वर्मा पुलिस टीम के साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे। जेसीबी से जैसे ही अमिताभ द्विवेदी की बाउंड्रीवाल गिराना शुरू किया, ग्रामीण आक्रोशित हो गए। राजस्व टीम से ग्रामीणों की नोकझोंक भी हुई। गांव निवासी राकेश कुमार तिवारी, सुशील कुमार, कमल किशोर, मातादीन, सुरेश, सचिन तिवारी, शिवम, आदित्य तिवारी, सुशील मिश्रा, प्रदीप त्रिवेदी, शिव प्रसाद तिवारी, राजाराम पटेल, पवन अग्रहरि, सूरज अग्रहरि, कमल पटेल, ग्राम प्रधान इंद्रजीत पांडेय का कहना है कि तहसील प्रशासन बिना नोटिस दिए ही जबरन घर गिराना चाह रहा है।
गंगा एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले गृह स्वामियों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। ग्रामीणों का आरोप है कि इसका विरोध किया, तो तहसीलदार ने ग्राम प्रधान का कालर पकड़कर गाली गलौज की और औकात दिखाने की बात कही। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने समझा-बुझाकर स्थानीय लोगों को शांत कराया। ऊंचाहार तहसीलदार अजय गुप्ता ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे की भूमि अधिग्रहण की गई है। इसको लेकर बीच में आ रहे मकानों को गिरवाया जा रहा है। कहा कि ग्राम प्रधान से किसी तरह कोई अभद्रता व गाली गलौज नहीं की गई।
जगतपुर। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के चलते सात गांवों का रास्ता बंद हो गया है। इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने एसडीएम को शिकायती पत्र सौंपकर अंडरपास मार्ग बनाए जाने की मांग की है। मती के पुरवा-कुमेदानगंज संपर्क मार्ग से पूरे मती सिंह, बड़ी रोझइया, बाग का पुरवा, कुमेदानगंज, पूरे झाम सिंह, जीत का पुरवा, रायपुर गांवों के ग्रामीण इसी रास्ते से होकर गुजरते हैं। मार्ग पर गंगा एक्सप्रेस-वे निकल रहा है। इसके चलते मिट्टी डालकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया गया है। इससे ग्रामीणों को पांच किलोमीटर का चक्कर लगाकर दूसरे मार्गों से आना-जाना पड़ रहा है। रामआसरे, विश्राम, बाबूलाल, लोधई, छेदी, छोटेलाल, राजू, अरुण सिंह ने गंगा एक्सप्रेस-वे के नीचे से अंडर पास बनाए जाने की मांग की है। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि इस तरह की कोई समस्या है तो उसका निस्तारण कराया जाएगा। संवाद