क्रासर
मेडिकल कंपनी के अधिकारियों ने टूरिस्ट वीजा पर था, पासपार्ट भी छीना
एलआईयू के अफसरों से संपर्क कर किसी तरह लौटा भारत
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। अंगोला गए जिले के रहने वाले एक युवक को न सिर्फ चीनी लोगों के हाथों बेचने की कोशिश की गई बल्कि जबरन उसका पासपोर्ट छीन लिया गया। आरोप है कि मेडिकल कंपनी के अधिकारियों ने ही टूरिस्ट वीजा देकर उसे अंगोला भेजा और वहां पर उसे बेचने का प्रयास किया। किसी तरह वह उन लोगों के चंगुल से छूटकर भारत लौटा। युवक ने पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। एसपी ने एलआईयू के अधिकारियों को प्रकरण की जांच सौपी है।
सलोन कोतवाली क्षेत्र के कमलापुर निवासी दीप मिश्रा के मुताबिक, वह एक मेडिकल कंपनी में नौकरी करता है। कंपनी की ओर से दिए गए टूरिस्ट वीजा पर वह 11 जुलाई को अंगोला के लिए रवाना हुआ था और 12 जुलाई को वहां पहुंचा। अंगोला में उसे चीनी लोगों के हाथों बेचने का प्रयास किया गया। उसका जबरन पासपोर्ट छीन लिया गया। विरोध करने पर जानमाल की धमकी दी गई।
दीप के मुताबिक, उसके पास एलआईयू के अधिकारियों का मोबाइल नंबर था। उसने ट्रू-कॉलर के जरिए एलआईयू के अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। अधिकारियों की मदद से वह 14 जुलाई को सकुशल भारत लौट पाया। दीप की मानें तो जिस कंपनी में वह काम करता है उसी के अधिकारियों ने चीनी लोगों से उसे बेचने का प्रयास किया। उसे टूरिस्ट वीजा पर अंगोला भेजा इसलिए वह कोई क्लेम भी नहीं कर सकता है। इसके बाद बुधवार को दीप मिश्रा पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर प्रकरण की जांच करके कार्रवाई की मांग की।
इनसेट
मेडिकल कंपनी में काम करने वाला दीप मिश्रा भारत से नहीं बल्कि थाईलैंड से अंगोला गया था। उसकी शिकायत पर प्रकरण की जांच एलआईयू को सौंपी गई है। एलआईयू की जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई कराई जाएगी।
आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक