क्रासर
दो घंटे तक परिजन शव का पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग पर अड़े रहे
भदोखर थानेदार-एम्स चौकी प्रभारी ने पहुंचकर समझाकर शांत कराया मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती एक मरीज की मंगलवार रात मौत होने से परिजन भड़क उठे। सभी ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक की लापरवाही से मरीज के सीने की हड्डियां टूट गईं। इससे उसकी जान चली गई। परिजन जिला मुख्यालय पर शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग पर अड़े रहे जबकि चिकित्सक एम्स में ही शव का पोस्टमार्टम कराने की बात कह रहे थे। दो घंटे तक हंगामा और प्रदर्शन हुआ। पुलिस ने पहुंचकर मामला शांत कराया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर चले गए।
लालगंज कोतवाली क्षेत्र के बेहटाकला गांव निवासी अरविंद सिंह (46) को पेट में दर्द होने पर 14 अगस्त एम्स में भर्ती कराया गया था। 22 अगस्त की रात करीब आठ बजे अरविंद की मौत हो गई। इससे परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। बेटे प्रशांत सिंह ने आरोप लगाया कि पिता के सीने में दर्द था। चिकित्सकों ने पिता के सीने को जोर से दबा दिया। इससे सीने की तीन हड्डियांं टूट गई। इससे उनके पिता की मौत हो गई। वह जिला मुख्यालय पर शव का पोस्टमार्टम कराना चाहते हैं। वहीं चिकित्सक एम्स में ही शव का पोस्टमार्टम कराने की बात कह रहे थे। इसको लेकर घंटों विवाद होता रहा। परिजनों ने हंगामा किया। जानकारी मिलने पर भदोखर थानेदार राजेश कुमार सिंह, एम्स चौकी प्रभारी लक्ष्मी नारायण द्विवेदी मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात की। पुलिस के समझाने पर परिजन शव लेकर घर चले गए। थानेदार ने बताया कि मरीज की सामान्य मौत हुई थी। परिजन जिला मुख्यालय पर शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर हंगामा किया था। सूचना पर पहुंचकर मामला शांत करा दिया गया।
इनसेट
मरीज चार दिन से आईसीयू में भर्ती था। उसे सेफ्टीसीमिया (शरीर के अंदर संक्रमण) हो गया था। मरीज टीबी से भी ग्रसित था। चार दिन पहले तक कहीं इलाज कराया था। हालत गंभीर होने पर उसे एम्स में लाया गया था। हालत काफी गंभीर थी। उसे बचाने का पूरा प्रयास किया गया। इलाज के दौरान किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही नहीं की गई है। जो भी आरोप लगाए गए, वह गलत हैं।
डॉ. सुयश सिंह, उप चिकित्सा अधीक्षक, एम्स