रैपिड कार्ड जांच में डेंगू की पुष्टि नहीं, फिर भी लूट रहे पैथोलॉजी संचालक
निजी लैब संचालक जांच के नाम पर 1250 से दो हजार रुपये तक वसूल रहे
सिर्फ जिला अस्पताल में एलाइजा जांच की सुविधा, निजी लैब में बंदोबस्त नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। डेंगू जांच के नाम पर निजी पैथोलॉजी संचालक मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड टेस्ट कार्ड से जांच में डेंगू पॉजिटिव से इंकार किया है। डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच जरूरी है। इसके बावजूद जिले में लैब संचालक मरीजों की रैपिड टेस्ट कार्ड से जांच कर 1250 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। जबकि यह टेस्ट कार्ड महज 400 रुपये में ही मिल रहा है। बुधवार को सीएमओ ने निजी पैथोलॉजी में कार्ड से डेंगू जांच के लिए अधिकतम 1000 रुपये का रेट तय कर दिया।
जिले में डेंगू का संक्रमण तेजी से बढ़ने के साथ ही निजी पैथोलॉजी संचालकों की कमाई बढ़ गई है। जांच के नाम पर मनमाने तरीके से रुपये वसूले जा रहे हैं। निजी पैथोलॉजी में डेंगू के एलाइजा जांच की सुविधा न होने के बाद भी मरीजों से 2000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने कार्ड से जांच में संभावित डेंगू मिलने पर एलाइजा जांच को अनिवार्य किया है।
सीएमओ ने बुधवार को कार्ड से डेंगू जांच का रेट 1000 रुपये तय कर दिया है। इससे अधिक रुपये लैब संचालक नहीं वसूलेंगे। यदि ज्यादा रुपये वसूलने की शिकायत आई तो संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच मुफ्त
जिले की 19 सीएचसी और जिला अस्पताल में कार्ड से अब तक पांच हजार से अधिक लोगों की डेंगू की जांच की गई है। इसमें 310 लोगों के सैंपल एलाइजा जांच के लिए जिला अस्पताल भेजे गए। इसमें 27 लोग अब तक संक्रमित मिले हैं। इसमें भी पांच मरीज सुल्तानपुर जिले के रहने वाले हैं। सरकारी अस्पतालों में डेंगू की कार्ड व एलाइजा से जांच फ्री की जाती है।
निजी पैथोलॉजी संचालकों की मनमानी नहीं चलेगी। कार्ड से सिर्फ डेंगू के लक्षणों का पता लग सकता है। इसके लिए एलाइजा जांच जरूरी है। जांच के नाम पर रुपये वसूलने वाले निजी लैब के संचालकों पर कार्रवाई होगी। मरीज किसी भी सरकारी अस्पताल से डेंगू की फ्री जांच करा सकते हैं।
-डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ