साल के आखिर तक 210 बेड की हो जाएगी एसजीपीजीआई की इमरजेंसी

एसजीपीजीआई की 98वीं शासी निकाय की बैठक में पास हुए प्रस्ताव

लखनऊ। एसजीपीजीआई में अब आयुष और एकीकृत चिकित्सा विभाग भी खुलेंगे। इसके साथ ही यहां की इमरजेंसी में अब 210 बेड पर मरीज भर्ती होंगे। फिलहाल यहां सिर्फ 60 बेड पर भर्ती हो रही है। अगले महीने यह संख्या 90 और साल के अंत में 210 हो जाएगी। सोमवार को संस्थान की शासी निकाय की बैठक में इनके साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

मुख्य सचिव एवं संस्थान के अध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में अपातकालीन और रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर के लिए 558 अतिरिक्त बिस्तर जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि इन 558 में से रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर के 348 बेड पर भर्ती शुरू हो गई है। बचे हुए 210 बेड इमरजेंसी मेडिसिन के हैं, जिनको चरणबद्ध तरीके से दिसंबर तक शुरू करना है। शासी निकाय ने कुछ विभागों में फैकल्टी, सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स के पदों के सृजन को मंजूरी दी, जिससे एसजीपीजीआईएमएस में शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के विस्तार और नए पाठ्यक्रमों में वृद्धि होगी। निदेशक ने बताया कि सरकार ने बीते दिनों जन्मजात हृदय रोगों के लिए एक विशेष केंद्र के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इस केंद्र के लिए जरूरी संकाय और कर्मचारियों आवश्यकताओं को मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद सलोनी हार्ट फाउंडेशन के सहयोग से बाल कार्डियोलॉजी में उत्कृष्टता केंद्र के प्रथम चरण को शुरू करने में मदद मिलेगी। इस बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी, वित्त अधिकारी विश्वजीत राय एवं शासी निकाय के अन्य सदस्य तथा वित्त विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

शोध पर फोकस

संस्थान में शोध को बढ़ावा देने के लिए इंट्राम्यूरल अनुदान को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही शासी निकाय ने संस्थान में आयोजित होने वाले विभिन्न राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों और कार्यशालाओं के लिए सांकेतिक समर्थन को भी बढ़ा दिया है।



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