रायबरेली। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में कागजों पर शौचालय निर्माण और मरम्मत की पुष्टि जांच में होने के बाद तीन एडीओ समेत 30 कर्मियों को नोटिस दी गई है। सात दिन में काम पूरा कराकर जवाब देने के आदेश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

डीडीओ अरुण कुमार ने डलमऊ, अमावां और ऊंचाहार ब्लॉक के 10 गांवों में शौचालयों की जांच की थी। जांच में पाया कि डलमऊ ब्लॉक के बलीपुर गांव की विजयलक्ष्मी को शौचालय बनवाने के लिए पहली किस्त दी गई। शौचालय बनाने का काम शुरू भी नहीं किया गया कि दूसरी किस्त दे दी गई, लेकिन अब तक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ। ऊपर से पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों ने उसके शौचालय की रेट्रो फिटिंग (मरम्मत) का काम भी करा दिया। ऊंचाहार ब्लॉक के रामचंदपुर में विनोद कुमार, छेदीलाल, बलकरन, नन्हकई आदि के शौचालयों की जांच की गई तो कइयों के शौचालय नहीं बने। कई शौचालय अधूरे भी मिलेे। किसी भी शौचालय में रेट्रो फिटिंग का काम भी नहीं कराया गया। अमावां के हरियावां में सुशील व राम कुमार के शौचालयों में खामियां मिली। डीडीओ की रिपोर्ट आने के बाद डीपीआरओ ने तीनों ब्लॉकों के एडीओ पंचायत, संबंधित 10 गांवों के पंचायत सहायकों, प्रधानों, सचिवों और खंड प्रेरकों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। साथ ही सात दिन में काम पूरा कराने के आदेश भी दिए गए हैं।

डीडीओ ने अमावां ब्लॉक के हरियावां गांव में शौचालयों की जांच की तो बड़ी खामियां मिलीं। राम कुमार दिल्ली में रहते हैं, लेकिन उनके नाम गांव में शौचालय कागज पर बना दिया गया। बेटे सरवन ने डीडीओ को बताया कि घर में कोई शौचालय नहीं बना है। धनराशि भी नहीं मिली। इसी गांव के मंगल का शौचालय घर से दूर बना है। इससे उसका उपयोग भी नहीं किया जा रहा है।



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