लखनऊ। शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी संस्थान-अस्पतालों के बाहर खड़ी होने वाली निजी एंबुलेंसों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग की ओर से गठित कमेटी ने शनिवार को केजीएमयू के बाहर से तीन एंबुलेंस को पुलिस की मदद से जब्त करवाया। इसकी सूचना मिलते ही सभी अस्पतालों के गेट के बाहर से निजी एंबुलेंस गायब हो गईं।
सरकारी संस्थान-अस्पतालों में भर्ती न होने वाले मरीजों को निजी एंबुलेंस चालक बरगलाकर प्राइवेट अस्पताल पहुंचा देते हैं। यहां इलाज में कोताही के साथ इनसे वसूली होती है। इस पर सख्ती को लेकर शासन के निर्देश पर सीएमओ के अधीन कमेटी बनाई गई है। इसके सदस्य अस्पताल-संस्थान के बाहर खड़ी होने वाली निजी एंबुलेंस को हटवाएंगे।
एडिशनल सीएमओ डॉ. बीएन यादव को सिविल-झलकारीबाई अस्पताल, डॉ. गोपी लाल को बलरामपुर अस्पताल, डॉ. एपी सिंह को लोहिया संस्थान, डॉ. आरएन सिंह को केजीएमयू समेत अन्य अफसरों को हर अस्पताल का नोडल बनाया गया है। शनिवार को टीम ने केजीएमयू के बाहर से तीन एंबुलेंस को जब्त करवाकर थाने भिजवाया। इसके बाद ट्रॉमा समेत दूसरे संस्थानों के बाहर कोई निजी एंबुलेंस नहीं खड़ी मिली। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक, सभी अस्पताल-संस्थान के लिए नोडल तय किए गए हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि निजी एंबुलेंस को खड़ा नहीं होने दें। इसमें नगर निगम व पुलिस का भी सहयोग मिलेगा।