
केजीएमयू
– फोटो : amar ujala
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केजीएमयू के हाॅस्टल में फंदा लगाने वाली एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा शिल्पी चौधरी की बृहस्पतिवार को ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई। बेटी की मौत से परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं, छात्रा की कई सहपाठी भी बिलख रही हैं।
गाजियाबाद निवासी एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा शिल्पी केजीएमयू के यूजी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थीं। एक नवंबर को दोपहर क्लास के बाद सभी छात्राएं मेस चली गईं। जबकि शिल्पी ने हॉस्टल के अपने रूम में जाकर फंदा लगा लिया था। इस बीच उनके पिता इंजीनियर पिता विजेंद्र चौधरी ने कई बार फोन किया मगर कॉल रिसीव नहीं हुई।
अनहोनी की आशंका में विजेंद्र ने शिल्पी के साथ पढ़ने वाली एक अन्य छात्रा को फोन कर कमरे में भेजा। दूसरी छात्रा ने कमरे का दरवाजा खटखटाया मगर कोई जवाब न मिला। उसने खिड़की से अंदर झांका तो शिल्पी फांसी के फंदे पर लटकी थीं। छात्रा के शोर मचाने पर हॉस्टल के कर्मचारियों ने दरवाजा तोड़ शिल्पी को फंदे से उतारकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। जहां से उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट में रखा गया था। नौ दिन तक इलाज के बाद बृहस्पतिवार सुबह शिल्पी ने दम तोड़ दिया। केजीएमयू प्रशासन ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।