कैंसर मरीजों का मिल सकेगा त्वरित व बेहतर इलाज
नर्सिंग कॉलेज व आयुष ब्लॉक खुलने से बढ़ेगी सहूलियतें
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रीजनल कैंसर संस्थान, नर्सिंग कॉलेज और आयुष ब्लॉक की स्थापना जल्द होगी। इसके लिए डीप प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संस्तुति मिलते ही एम्स में विस्तार का काम शुरू हो जाएगा। इससे कैंसर जैसी असाध्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को इलाज की बेहतर व त्वरित सुविधा मुहैया हो सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते वर्ष रीजनल कैंसर संस्थान के प्रस्ताव को सहमति देकर इसका डीपीआर तैयार कराने का निर्देश दिया था। एम्स निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी के निर्देशन में परिसर में रीजनल कैंसर संस्थान को संचालित किए जाने का डीपीआर तैयार किया गया है। यहां कैंसर मरीजों को भर्ती किए जाने के साथ ही बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही एम्स में एक नर्सिंग कॉलेज व आयुष ब्लॉक का संचालन भी जल्द ही शुरू होगा। इसका डीपीआर भी तैयार कर अनुमोदन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जाएगा। इससे एम्स में एलोपैथी के साथ ही आयुर्वेद पद्धति से इलाज की सुविधा भी मरीजों को मुहैया होगी।
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विस्तार के लिए हो चुका जमीन का अधिग्रहण
एम्स के विस्तार के लिए करीब 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किसानों से पहले ही किया जा चुका है। अब सिर्फ नए प्रोजेक्ट के लिए बजट आवंटित होने का इंतजार है। बजट मिलते ही विस्तार से जुड़े कार्य गतिमान हो सकेंगे। एम्स के प्रशासनिक अधिकारी समीर शुक्ला ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की मंशा के अनुरूप रीजनल कैंसर संस्थान, नर्सिंग कॉलेज और आयुष ब्लॉक के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। जल्द ही डीपीआर के पास होते ही विस्तार का काम शुरू हो जाएगा।
खिलाई गई फाइलेरिया रोधी दवा
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एम्स में फाइलेरिया से निपटने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। शुक्रवार को निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी व उनकी पत्नी मंजू राजवंशी ने स्वयं काउंटर पर पहुंचकर पंजीयन कराते हुए फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया। उन्होंने अपने सामने डॉक्टरों, एमबीबीएस छात्र-छात्राओं व अन्य स्टाफ के साथ ही अस्पताल आए मरीजों को भी दवा खिलाई। दो दिन में 400 से अधिक लोगों को दवा खिलाई जा चुकी है।