क्रासर
गांवों के किनारे पहुंच रहा पानी, हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि डूबी
नावों और गोताखोरों की तैनाती, एसडीएम ने बाढ़ का लिया जायजा
डलमऊ (रायबरेली)। पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर बुधवार को चेतावनी बिंदु पार कर गया। ऐसे में अब कटरी क्षेत्र के लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जिस तरह जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि जलस्तर खतरे के निशान को भी पार कर जाएगा। बाढ़ का खतरा देखते हुए नावों और गोताखोरों की तैनाती कर दी गई है।
गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 98.360 मीटर और खतरे का निशान 99.360 मीटर है। केंद्रीय जल आयोग डलमऊ के मुताबिक, शाम पांच बजे तक जलस्तर 98.400 मीटर तक पहुंच गया। इससे कटरी क्षेत्र के गांव चकमलिक भीटी, जमालनगर, मोहिद्दीनपुर, जहांगीराबाद, बबुरा, अंबहा, पूरे रेवती सिंह समेत अन्य गांवों में रहने वाले ग्रामीणों में दहशत है। चेतावनी बिंदु पार करने के बाद नदी का पानी नाला आदि के रास्ते गांव के किनारे तक पहुंचने लगा है और गंगा कटरी क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। इससे पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।
ग्रामीण साजन यादव, रामकृपाल, अभिषेक पांडेय, बबलू द्विवेदी, जागीलाल ने बताया कि पिछले कई दिनों से गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते नदी का पानी नाले आदि के जरिए गांव के चारों ओर पहुंचने लगा है। दूसरी ओर गंगा कटरी क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न होने से मवेशियों को हरा चारा नहीं मिल पा रहा है। नदी के पानी से जहरीले जीव आबादी क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं। उपजिलाधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा ने कटरी क्षेत्र के गांवों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि पूर्व निर्धारित पर चौकिया पर कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। आबादी क्षेत्र में गंगा नदी का पानी पहुंचते ही लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए नाव, नाविक और गोताखोरों की व्यवस्था कर ली गई है।
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घाटों के किनारे बने मकानों तक पहुंचा पानी, दहशत
फोटो संख्या ४९
ऊंचाहार। क्षेत्र के गोकना गंगा घाट पर दो दिन से लगातार नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। 24 घंटे में लगभग तीन फीट जलस्तर बढ़ा है। इसके चलते गंगा का पानी घाट पर बने मकानों को छूकर बह रहा है। दरअसल, गोकना गंगा घाट क्षेत्र का मुख्य घाट है जहां बड़ी संख्या में लोग स्नान करने आते हैं। दो दिन से बढ़े जलस्तर की वजह से मकानों के दरवाजे से नदी का पानी बह रहा है। इसके चलते जलीय जीवों के घरों तक पहुंचने की आशंका बनी हुई है। घाट पर नहाने के लिए रस्सी से सीमा निर्धारित की गई। कटरी क्षेत्र के गांवों में दहशत है। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि गोकना घाट पर 10 नाविकों को सुरक्षा किट के साथ मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है। गंगा गोकर्ण जन कल्याण सेवा समिति के सचिव जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि नदी का पानी घाट पर बने मकानों को छूकर बह रहा है।