दोनों बच्चे खेलने के लिए औटहिया गांव के बाहर गए थे
देर तक नहीं लौटे तो खोजबीन, गड्ढे में मिले दोनों शव
संवाद न्यूज एजेंसी
सलोन (रायबरेली)। कोतवाली क्षेत्र के औटहिया गांव के बाहर बृहस्पतिवार को तालाब से सटे गड्ढे में डूबने से दो बच्चों की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। दोनों बच्चे खेलने के लिए गांव से बाहर खेत की तरफ गए थे। काफी देर तक नहीं लौटे तो खोजबीन करने पर दोनों के शव गड्ढे में पाए गए। दोनों बच्चे आपसे में रिश्तेदार हैं। पुलिस ने दोनों बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जाता है कि गड्ढा गंगा एक्सप्रेसवे
औटहिया मजरे धरई गांव में दोपहर बाद रितिक सरोज (7) पुत्र संतराम सरोज अपने फूफा शिव कुमार सरोज के बेटे नैतिक सरोज (6) के साथ घर से थोड़ी दूर स्थित खेत की तरफ खेलने गया था। नैतिक सरोज पुत्र शिवकुमार प्रतापगढ़ जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र के गाजीपुर डीह का रहने वाला था। नैतिक अपने ननिहाल आया था। बताया जाता है कि दोनों खेलते-खेलते तालाब की तरफ पहुंच गए और किसी को पता नहीं चला। दोनों बच्चे जब देर तक घर नहीं लौटे तो परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की। शाम लगभग 5 बजे तालाब की तरफ पहुंचे तो वहां दोनों बच्चों के शव मिले।
दोनों मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। परिवारीजनों की चीखें सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया। घटना का पता चलते ही पुलिस पहुंची और छानबीन शुरू की। परिवारीजनों की मानें तो एक हफ्ते पहले नैतिक अपनी मां संगीता के साथ औटहिया स्थित ननिहाल में मामा शिवकुमार के घर आया था। कोतवाल नारायण कुशवाहा ने बताया कि बच्चे खेलते-खेलते तालाब के पास चले गए। ग्रामीणों का कहना है कि इसी से जुड़ा एक गड्ढा है, जो जेसीबी से खोदा गया था। बारिश के कारण करीब 06-07 फिट गहरे गड्ढे में पानी भर गया। इससे गड्ढा और तालाब का पानी बराबर हो गया। बच्चे समझ नहीं पाए और गिरकर डूब गए। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
मिट्टी खोदाई से हुआ गड्ढा, उठे सवाल
सलोन। दो मासूम बच्चों की मौत से पूरे गांव में आक्रोश है। परिजनों के सब्र का बांध उस समय टूट गया, जब पुलिस पहुंची। परिवारीजनों ने कोतवाल के सामने ही कई तरह के सवाल उठाए। परिवारीजनों ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे के लिए तालाब के पास मिट्टी खोदाई की गई है, जिससे गहरा गड्ढा हो गया है। इसी गहरे गड्ढे में भरे पानी में गिरने से दोनों बच्चों की मौत हुई है। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले गंगा एक्सप्रेसवे की टीम ने मिट्टी सैंपलिंग के लिए तालाब के पास मिट्टी खोदाई की थी। (संवाद)