
खीरों-निहस्था मार्ग की बदहाल सड़क। -संवाद
लोक निर्माण विभाग की लचर कार्यशैली का खामियाजा भुगत रहे लोग
टेंडर प्रक्रिया की औपचारिकता पूरी करने में बीत गया डेढ़ माह का समय
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। जिले में बारिश के चलते करीब 500 से ज्यादा सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गईं हैं। ऐसे में हर दिन दो लाख लोग हिचकोले खाने को मजबूर हैं। खस्ताहाल सड़कों की वजह से लोग या तो जान गंवा रहे हैं या जख्मी हो रहे हैं। बावजूद इसके लोक निर्माण विभाग सड़कों को दुरुस्त कराने में कोई तेजी नहीं दिखा रहा है। मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया में एक महीने से ज्यादा समय बिता दिया, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।
जिले में बारिश के दौरान करीब 500 से ज्यादा सड़कें टूट गईं। सबसे ज्यादा सड़कें वहां टूटी हैं, जहां पर आबादी है, क्योंकि घरों का पानी सड़कों पर भरा रहता है। जल निकासी के लिए नालियां तक नहीं बनीं।
मुंशीगंज-डलमऊ राजमार्ग पर प्रतिदिन 15 से 20 हजार लोग आते-जाते हैं। पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। रायबरेली-गुरुबख्शगंज-खीरों मार्ग भी खस्ताहाल हो गया है। सुंदरगंज-सूची-पिछवारा मार्ग जगह-जगह टूट गया है। इसकी मरम्मत का काम नहीं हुआ है। डलमऊ से गदागंज मार्ग तालाब बन गया है। इस वजह से आए दिन वाहन फंस जाते हैं। खीरों-निहस्था मार्ग खस्ताहाल है। इस सड़क का हाल में ही निर्माण करवाया गया है, लेकिन सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।
मरम्मत के नाम पर डाले जा रहे ईंट के टुकड़े
सड़कों पर हुए गड्ढों को भराई में कई जगह ईंट के टुकड़े डाल दिए गए हैं, जो आने-जाने में लोगों के लिए रोड़ा बन रहे हैं। मुंशीगंज-डलमऊ मार्ग पर सांडबरा, घुरवारा के पास ईंट के टुकड़े डाले गए। इनसे लोग हिचकोले खाते हुए निकल रहे हैं। बावजूद इसके अफसरों की नींद नहीं खुल रही है।
बारिश में बह गई मिट्टी, टूट रही सड़क
जगतपुर-सलोन राजमार्ग का चौड़ीकरण कराया गया है। चौड़ीकरण में जमकर मनमानी की गई। यही वजह है कि कहीं पर सड़क धंस गई, तो कहीं पर टूट गई है। सड़क किनारे डाली गई मिट्टी भी बह गई। इससे किसी दिन हादसा हो सकता है। घटिया सामग्री डाले जाने की वजह से पूरी सड़क ध्वस्त हो गई। अफसर जानकर भी अनजान बने हुए हैं।
वर्जन
टेंडर प्रक्रिया पूरी, जल्द काम में आएगी तेजी
सड़कों की पैच मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मौसम साफ होने के बाद काम शुरू कराया जाएगा।
-महिपाल सिंह, एक्सईएन लोक निर्माण विभाग