गोसाईंगंज। गोरिया रोड पर स्थित एक कॉम्प्लेक्स में तैनात सिक्योरिटी गार्ड शिवराज (48) की रविवार रात गला रेतकर हत्या कर दी गई। सुबह जब वह घर नहीं पहुंचा तब परिजन मौके पर पहुंचे।
कॉम्प्लेक्स की छत पर बिस्तर पर ही गार्ड का खून से सना शव पड़ा मिला। पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश कर रही है। रंजिश या फिर चोरी के प्रयास में वारदात को अंजाम देने का शक है।
गोसाईंगंज निवासी नीरजपति त्रिपाठी का गोरिया रोड पर कॉम्प्लेक्स है। इसमें करीमखेड़ा गांव के शिवराज सिक्योरिटी गार्ड थे। रोजाना की तरह रविवार रात वह ड्यूटी पर गए थे।
कॉम्प्लेक्स की छत पर ही वह रहते थे। वहीं पर सो जाते थे। सोमवार सुबह नौ बजे तक जब वह घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उनको कॉल करना शुरू किया। फोन बंद था।
तब उनके परिजन वहां पहुंचे। जब छत पर गए तो देखा कि बिस्तर पर ही शिवराज पड़े हुए हैं। शव खून से लथपथ है। ये देख वह हैरान रह गए। पुलिस को सूचना दी। शिवराज के बड़े बेटे धर्मेंद्र की तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
कत्ल किया और मोबाइल तोड़कर फेंक दिया
जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो छत पर ही शिवराज का मोबाइट टूटा हुआ पड़ा मिला। स्पष्ट है कि वारदात को अंजाम देने वालों ने पहले शिवराज को मारा और फिर मोबाइल तोड़कर फेंक दिया। इससे अंदेशा है कि शायद मोबाइल में हत्यारों से संबंधित कोई न कोई सुराग जरूर है। इसलिए पुलिस ने टूटा मोबाइल कब्जे में ले लिया है। फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।
इसलिए आसानी से छत पर पहुंच गए हत्यारे
कॉम्प्लेक्स की छत पर जाने वाली सीढ़ी बाहर से है। वहां तक किसी भी दरवाजे आदि को पार नहीं करना पड़ता है। इसलिए हत्यारे आसानी से छत पर पहुंच गए। हत्या कर फरार हो गए। चूंकि आसपास ज्यादा चहल पहल नहीं है। इसलिए किसी को भनक तक नहीं लगी।
पुलिस पर भड़क उठे परिजन
घटनास्थल पर पुलिस अफसर शिवराज के बड़े बेटे से जानकारी ले रहे थे। इसी बीच पुलिसकर्मी शव को मोर्चरी ले जाने लगे। ये देख परिजन भड़क गए। डाला रोक लिया। उन्होंने कहा कि शव के साथ में परिजन भी जाएंगे। फिर धर्मेंद्र को भेजा गया। तब मामला शांत हुआ। शिवराज के परिवार में पत्नी सुनीता के अलावा चार बेटे धर्मेंद्र कुमार, गोविंद, सिकंदर, शिवा उर्फ बऊवा और बेटी शालू है। पिता की तलाश में गए गोविंद ने बड़े भाई को फोन कर पिता की हत्या की सूचना दी थी।
शव रख ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
पोस्टमार्टम के बाद देर शाम शिवराज का शव गांव पहुंचा। परिजन व ग्रामीण गांव के बाहर सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। पुलिस मौके पर पहुंची तो परिजन कॉम्प्लेक्स मालिक को बुलाने पर अड़ गए। इसके बाद कांप्लेक्स मालिक नीरजपति त्रिपाठी वहां पहुंचे। काफी देर तक बातचीत होती रही, लेकिन परिजन नहीं माने। वह पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और भूमि आवंटन की मांग करते रहे। जानकारी पर एसडीएम मोहनलालगंज हनुमान प्रसाद भी पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिवार को सीएम सहायता कोष के साथ ही राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत लाभ दिलाए जाने का आश्वासन दिया। तब ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म कर अंतिम संस्कार किया। करीब दो घंटे तक प्रदर्शन चला।
गला रेता, कई वार किए, नाक काटी
शिवराज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि गले पर तीन गहरे घाव हैं, जिससे अधिक रक्तस्राव हुआ और उनकी मौत हो गई। इसके अलावा एक वार उनके चेहरे पर किया गया। नाक भी काटी। ऐसे में आशंका है कि किसी ने अपमान का या तो बदला लिया है या फिर किसी ने मान सम्मान के लिए उनको मारा। पुलिस इस दिशा में भी तफ्तीश कर रही है।
कोट :
घटना के खुलासे के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। रंजिश समेत अन्य सभी पहलुओं पर तफ्तीश की जा रही है। जल्द वारदात का खुलासा किया जाएगा।
– विनीत जायसवाल, डीसीपी साउथ
