लखनऊ। एसटीएफ ने मंगलवार सुबह पारा इलाके में टेंट के सामान के बीच शराब की खेप ले जा रही एक डीसीएम को पकड़ चालक को गिरफ्तार कर लिया। डीसीएम से 200 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई। शराब की खेप चंडीगढ़ से सुल्तानपुर में सप्लाई के लिए ले जाई जा रही थी। पारा थाने में एसटीएफ ने केस दर्ज कराया। पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

एसटीएफ सीओ प्रमेष कुमार शुक्ला के मुताबिक शराब तस्करी संबंधी सूचना पर उनकी टीम ने पारा के तिकोनिया तिराहे के पास एक संदिग्ध डीसीएम रोकी। चालक नरही बलिया निवासी रामाशीष यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। चेकिंग में पाया गया कि डीसीएम में टेंट के सामान के बीच शराब की पेटियां भरी हुई हैं। ये खेप चंडीगढ़ से ले जाई जा रही थी। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि डीसीएम बलिया निवासी कन्हैया सिंह की है। उनके कहने पर ही वह शराब की खेप चंडीगढ़ से लेकर सुल्तानपुर निवासी पप्पू नाम के शख्स के पास पहुंचाने जा रहा था। एसटीएफ अब कन्हैया व पप्पू के बारे में जानकारी जुटा रही है। सीओ के मुताबिक इसके पहले भी आरोपी कई बार इसी तरह से यूपी व बिहार के अलग-अलग शहरों में डिलीवरी कर चुका है।

सगरना नहीं आते हाथ, चालक बनते शिकार

हरियाणा व पंजाब से बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी की जाती है। शराब सबसे अधिक बिहार में खपाई जाती है। शराब माफिया बिहार में बैठकर पूरा नेटवर्क चला रहे हैं। जब भी हरियाणा या पंजाब की शराब पकड़ी जाती है तो अमूमन गाड़ी के चालक ही हाथ लगते हैं। सरगना व गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे की वजह ये भी रहती है कि अधिकतर सरगना चालकों के सीधे संपर्क में नहीं रहते हैं। उनके गुर्गे व्हाट्सएप कॉल आदि से संपर्क कर शराब की खेप मंगवाकर डिलीवर करते हैं।



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