लखनऊ। ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही ने सोमवार को शहर में जाम लगवा दिया। आम जनता दो घंटे तक इसमें पिसती रही। बीते दिनों हापुड़ में हुई घटना के विरोध में वकीलों की ओर से प्रदर्शन किए जाने की पहले से जानकारी होने के बावजूद ट्रैफिक डायवर्जन नहीं किया गया। ऐसे में जब दोपहर को प्रदर्शन के लिए अधिवक्ता कचहरी से निकले तो ट्रैफिक पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। फिर अचानक जगह-जगह बैरिकेडिंग के साथ ट्रैफिक परिवर्तन कर दिया गया। इससे चारों तरफ जाम लगा रहा। परिवर्तन चौक, कैसरबाग, शहीद स्मारक रोड व हजरतगंज समेत अन्य इलाकों में वाहनों के पहिये थम गए।
जानकारी अनुसार कचहरी से निकलकर अधिवक्ता स्वास्थ्य भवन चौराहे से शहीद स्मारक रोड की ओर बढ़े। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर इन्हें रोका। वकीलों की नारेबाजी बढ़ती देखकर पुलिसकर्मियों ने शनि मंदिर की ओर जाने वाले तिराहे पर भी बैरिकेडिंग कर दी और वाहनों को परिवर्तन चौक की तरफ मोड़ दिया। डालीगंज से आने वाले वाहन रोक दिए जाने से परिवर्तन चौक पर दबाव बढ़ गया।
उधर, कैसरबाग से स्वास्थ्य भवन की ओर आने वाले वाहनों को दूसरी तरफ मोड़ दिया गया। इससे गलियों में वाहनों की कतार लग गई। सिटी स्टेशन के पास भी वाहन रेंगने लगे। स्कूलों की छुट्टी के बाद हालात और बुरे हो गए। जाम में गाड़ियां फंसने से सबसे ज्यादा बच्चे और महिलाएं परेशान रहीं। इससे पहले सुबह 10:30 बजे पॉलीटेक्निक चौराहे पर जाम लगने से काफी देर तक वाहनों के पहिये थमे रहे।
कोट्स
सुबह से डायवर्जन करना उचित नहीं था
दोपहर 12 बजे वकीलों का मार्च था। तब थोड़ी देर के लिए ट्रैफिक डायवर्जन किया गया था। अनावश्यक रूप से सुबह से डायवर्जन करना उचित नहीं था। बैरिकेडिंग लगाए गए थे, लेकिन वे खुले थे।
उपेंद्र अग्रवाल, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यव्स्था वकीलों ने नहीं किया अदालती काम
लखनऊ। हापुड़ की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर राजधानी के वकीलों ने सोमवार को अदालती कार्य नहीं किया। लखनऊ बार के महासचिव के नेतृत्व में सीएम को डीएम के जरिये ज्ञापन देकर हापुड़ के डीएम-एसपी का तुरंत स्थानांतरण किए जाने, लाठीचार्ज के दोषी पुलिसवालों पर केस दर्ज करने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट तुरंत लागू करने व घायलों को मुआवजे की मांग की। वकीलों ने धरने के बाद बैठक की। इसमें निर्णय लिया कि बार काउंसिल के आह्वान पर वकील मंगलवार को मुख्य सचिव और पुलिस प्रशासन का पुतला रुकेंगे तथा काम नहीं करेंगे। हड़ताल की पहले से जानकारी के चलते ज्यादातर वादकारी कोर्ट नहीं आए।
कैसरबाग जाने वाली बसों को कमता पर रोका
वकीलों के प्रदर्शन के चलते कैसरबाग से रवाना होने वाली और सीतापुर, लखीमपुर आदि जगहों से आने वाली बसों का संचालन तीन घंटे प्रभावित रहा। उधर, गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या से कैसरबाग आने वाली बसों को कमता चौराहे के अवध बस स्टेशन पर ही रोक दिया गया। यहां से यात्रियों को अपने साधन से कैसरबाग तक आना पड़ा। कैसरबाग तक बस न जाने पर यात्रियों ने कंडक्टर से किराया वापस मांगा। इसे लेकर कहासुनी तक हुई। बाराबंकी की बसों को कमता और सीतापुर की बसें डालीगंज पर ही रोक दी गईं। वकीलों के प्रदर्शन के चलते ई-रिक्शा, ऑटो-टेंपो वालों ने कैसरबाग जाने से मना कर दिया, जिससे यात्रियों को पैदल ही दूरी तय करनी पड़ी।