रायबरेली। गंगा एक्सप्रेस-वे में काम करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही से दो परिवार की खुशियां गम में तब्दील हो गई है। ठेकेदार की लापरवाही ही इन मासूमों की मौत की वजह बनी। ग्रामीणों की मानें तो ठेकेदारों ने ही गंगा एक्सप्रेसवे में मिट्टी डालने के लिए तालाब की खुदाई की थी। खुदाई के चलते बारिश का पानी भर गया था और डूबने से दो बच्चों की जान चली गई। घटना से परिजन गमगीन हैं और उनमें ठेकेदार के प्रति नाराजगी है। सभी ठेकेदारों पर कार्रवाई किए जाने की मांग भी कर रहे हैं।
सलोन कोतवाली क्षेत्र के औटहिया गांव निवासी संतराम सरोज का बेटा रितिक (6) बृहस्पतिवार को अपने फूफा हरिकेश के पुत्र नैतिक (6) निवासी गाजीपुर डीह थाना उदयपुर प्रतापगढ़ के साथ घर से 200 मीटर दूर खेत की तरफ खेलने गया था। खेत से सटे तालाब की जमीन पर मार्च महीने से गंगा एक्सप्रेसवे की तरफ से मिट्टी डालने के लिए मिट्टी खोदाई का काम चल रहा था। इधर, बरसात होने की वजह से मिट्टी खुदाई का काम बंद हो गया था। मिट्टी खुदाई के चलते खेत के बगल स्थित तालाब में बड़ा सा गड्ढा था। गड्ढे में बरसात का पानी भर गया था। रितिक और नैतिक दोनों मासूम बच्चे खेलते खेलते पानी भरे गड्ढे में गिर गए थे, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। इधर, बेटे रितिक की मौत से मां बिटाना देवी के आंसू नहीं थम रहे हैं। वहीं नैतिक के गांव गाजीपुर डीह में मातम पसरा रहा। नैतिक की मां संगीता बेटे की मौत से सदमे में है। कोतवाल नारायण कुशवाहा ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की पड़ताल कराई जा रही है। ठेकेदारों की लापरवाही सामने आई तो उन पर एक्शन लिया जाएगा।
सलोन। ग्राम सभा औटहिया में 52 बीघे का सूखा तालाब है। इस तालाब की जमीन पर एक समय वहां के लोग खेती किसानी करते थे। ग्रामीणों के मुताबिक मार्च महीने से निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के ठेकेदार ने तालाब की जमीन से मिट्टी की खुदाई करा ली थी। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात होने से तालाब की जमीन पर गड्ढा हो गया था, जिससे अत्यधिक पानी भर गया। जिस स्थान पर नैतिक और रितिक की लाश बरामद हुई थी, वह तकरीबन पांच फिट गहरा था। ग्रामीणों की मानें तो ठेकेदारों को कई बार ग्रामीणों ने समझाया था कि इस तरह गड्ढे हो जाने से हादसा हो सकता है, लेकिन एक्सप्रेसवे के ठेकेदार ने गांव के ग्रामीणों की बात अनसुनी कर दिया था।