रायबरेली। राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास सिविल लाइन व बछरावां में छात्रों के चयन को लेकर मंगलवार को बचत भवन में बैठक हुई। डीएम माला श्रीवास्तव ने कहा कि छात्रों के चयन में मानकों का पालन किया जाए। छात्रों की शैक्षिक योग्यता, उच्च शिक्षा की प्राथमिकता, मूल निवास स्थान से दूरी पर भी विचार किया जाए। दिव्यांग छात्रों को वरीयता के आधार पर प्रवेश दिया जाए।

जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. वैभव त्रिपाठी ने बताया कि शासनादेश के अनुसार उपलब्ध क्षमता का 70 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति, जनजाति अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है। शेष 30 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए है। अन्य पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग के आवेदन प्राप्त न होने की दशा में शत-प्रतिशत अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। डीएम ने जर्जर हो चुके छात्र आवासों की मरम्मत कराई जाए। जिन छात्रावासों पर विवाद चल रहा है। जल्द से जल्द मामले का निपटारा किया जाए।

मिशन वात्सल्य योजना की बैठक

डीएम ने बचत भवन में महिला एवं बाल विकास से संचालित मिशन वात्सल्य योजना के तहत जिला टास्क फोर्स की बैठक की। अनाथ बच्चों को योजना का लाभ दिए जाने निर्देश दिए। कहा कि बच्चों से समय-समय पर बात करके उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाए। जिन बच्चों पर कोई आपराधिक मामला चल रहा है, उसकी समय समय पर काउंसलिंग करते रहें।

प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की

प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा बैठक डीएम ने की। आवासों का काम जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। कहा कि निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं होनी चाहिए। शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए। भूमिहीन लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राथमिकता पर दिया जाए।



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