रायबरेली। शहर के सत्यम हॉस्पिटल में इलाज के बाद नवजात का बायां हाथ सड़ने के बाद डीएम के आदेश पर बुधवार को जांच शुरू हो गई। उधर, दुधमुहे की हालत नाजुक होने पर उसे एम्स में भर्ती कराया गया है। पिता ने बुधवार को सीएमओ कार्यालय पहुंचकर निजी अस्पताल के संचालक पर इलाज में मनमानी करने का आरोप लगाते हुए बयान दर्ज कराया। बच्चे का हाथ ठीक कराने के साथ ही अस्पताल के संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

लालगंज क्षेत्र के रानीपुर गांव निवासी सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बीती 13 जून को दो माह के बेटे राघव को बुखार से पीड़ित होने के बाद इंदिरा नगर स्थित सत्यम हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। 21 जून तक बच्चे का इलाज हुआ। इलाज के दौरान लापरवाही बरतने पर बच्चे का बायां हाथ पूरी तरह से सड़ गया। गत मंगलवार को डीएम के आदेश पर अधिकारियों की टीम ने नर्सिंगहोम पहुंचकर बच्चे के इलाज से संबंधित सभी अभिलेखों को सील कर दिया।

उधर, बच्चे की हालत गंभीर होने और पूरे शरीर में इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए उसे एम्स में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। एम्स के चिकित्सक बच्चे के हाथ को लेकर बेहतर इलाज करने का प्रयास कर रहे हैं। बुधवार को बच्चे के पिता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर बयान दर्ज कराया। उसने बयान में अस्पताल के संचालक व डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने अस्पताल के संचालक पर कड़ी कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया। साथ ही बच्चे का इलाज करवाकर हाथ ठीक कराने की मांग की।

एम्स के बाल रोग विभाग में भर्ती नवजात राघव का इलाज हो रहा है। पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. सुनीता सिंह बच्चे के हाथ का इलाज कर रही हैं। उनका कहना है कि एम्स में उपलब्ध जांचें कराई जा चुकी हैं। इको और एंजियोग्राफी बाहर से कराने के बाद केस में आगे निर्णय लिया जाएगा। बच्चे को और हाथ को ठीक करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों से भी विचार-विमर्श किया जाएगा।



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