राजधानी लखनऊ में गोमतीनगर स्थित आईपीएस हॉस्पिटल में इलाज के दौरान महिला की मौत मामले में मानव अधिकार आयोग ने सीएमओ से रिपोर्ट तलब की है। कई माह बीतने के बाद भी रिपोर्ट न भेजने पर आयोग ने सीएमओ से स्पष्टीकरण मांगा है। पूरे मामले की रिपोर्ट भी तलब की है।
मालूम हो कि, बाराबंकी सतरिख भटौली गांव के रहने वाले संजय की पत्नी रोशनी 24 को बीती 27 सितंबर को बुखार व सिर दर्द की शिकायत होने पर परिजनों ने गोमतीनगर खरगापुर स्थित आईपीएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने बीमारी के आधार पर सीटी स्कैन समेत खून से जुड़ी जांच कराई।
पति संजय का आरोप है कि जांच रिपोर्ट सामान्य आई थी। बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन ने इलाज में कोताही बरती। इससे मरीज की हालत बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने वसूली के खातिर मरीज को आईसीयू में शिफ्ट किया था। वहां इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर करीब एक लाख बीस हजार रुपये का बिल थमाया था। इसमें 90 हजार रुपये वसूल लिए गए। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था।
पति ने मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने सीएमओ ऑफिस से जांच रिपोर्ट आने के बाद मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी। करीब तीन माह बीतने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच तक नहीं कराई। पति ने उप्र मानव अधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था। मानव अधिकार आयोग ने डीएम-सीएमओ को पत्र भेजकर 15 अक्तूबर को रिपोर्ट तलब किया था।
सीएमओ की ओर से जांच रिपोर्ट आयोग में नहीं दी गई। इससे नाराज मानवाधिकार आयोग ने सीएमओ को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 12 जनवरी 2026 संग आयोग में तलब किया है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है जांच रिपोर्ट तैयार करके आयोग को भेजी जा रही है।
