दहेज के लिए सभासद की हत्या का मामला
शिवगढ़, रायबरेली। आरती के पति ने बताया कि रात में पत्नी ने वीडियो कॉल करके बात की थी और उसे घर बुला रही थी। कहा था कि घर नहीं आये तो खुदकुशी कर लूंगी। इसके बाद उसे सूचना मिली कि पत्नी की मौत हो गई तो वह घर पहुंचा। बताया जा रहा है कि किसी बात को लेकर दंपती में विवाद था।
शिवगढ़ के अजीतखेड़ा की महिला सभासद का शव फंदे से लटकता मिला था। घटना की सूचना पर सीओ महराजगंज इंद्रपाल सिंह, थानेदार अरविंद सिंह और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर पड़ताल की और लुबूत जुटाए। आरती रावत (26) का पति आलोक रावत लखनऊ में रहता है। आरती की मां सुनीता ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की हत्या दहेज के लिए की गई है। मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फंदे से लटका दिया गया। करीब छह साल पहले आरती का विवाह हुआ था। उसके बाद से ही पति-पत्नी में आए दिन विवाद हुआ करता था। समझा-बुझाकर परिवार चलाने के नियत से आरती के माता-पिता हर बार बेटी को ससुराल भेज देते थे। पूर्व प्रधान देवता प्रसाद रावत ने बताया कि बेटी आरती की मौत की सूचना भी रिश्तेदारों के माध्यम से उन्हें मिली, जबकि आलोक व उनके पिता ने उन्हें सूचना नहीं दी।
आरती के पिता एवं बछरावां थाना क्षेत्र के रसूूलपुर निवासी मंसाराम अपने साढ़ू एवं पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष बछरावां देवता प्रसाद रावत के साथ असहन जगतपुर में रहते थे। पूर्व प्रधान देवता रावत के दो बेटे हैं। बेटी ना होने के कारण आरती को ही बेटी मानकर उन्होंने ही पढ़ा लिखाकर धूमधाम के साथ उसका विवाह भवानीगढ़ ग्राम पंचायत स्थित रायपुर वार्ड में आलोक के साथ 2017 में किया था। पति, ससुर और सास निर्मला के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज किया गया है।