महराजगंज (रायबरेली)। फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने वाले प्रधानाध्यापक को बर्खास्त कर दिया गया। करीब ढाई दशक तक नौकरी करने वाला प्रधानाध्यापक कुछ महीने बाद रिटायर होने वाला था। प्रधानाध्यापक से वेतन व अन्य मद के पैसों की वसूली के आदेश दिए गए हैं। फरार प्रधानाध्यापक की तलाश की जा रही है।
सेवा से बर्खास्त किया गया नरेंद्र कुमार शिवहरे महराजगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खरवा का प्रधानाध्यापक था। खंड शिक्षा अधिकारी राम मिलन यादव ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि फतेहपुर जिले के बड़ागांव अहरिया निवासी नरेंद्र कुमार ने फर्जी दस्तावेज लगाकर अध्यापक की नौकरी हासिल की थी, जिसकी शिकायत मिलने पर जांच कराई गई। जांच में आरोप सही पाया गया। इस पर बीएसए ने उसे बर्खास्त कर दिया। खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर के आधार पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। कोतवाल बालेंदु गौतम का कहना है कि आरोपी की तलाश की जा रही है।
बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी हासिल करने के आरोप सही पाए जाने पर प्रधानाध्यापक नरेंद्र कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। वेतन व अन्य मद में किए गए भुगतान की वसूली के आदेश भी दिए गए हैं।
वर्ष 1997 में हुआ था भर्ती
आरोपी नरेंद्र कुमार ने फर्जी अभिलेखों के जरिए 1997 में नौकरी पाई थी। उसकी पहली तैनात पूरे बादल खां में सहायक अध्यापक के तौर पर हुई।वर्ष 2002 में उसे प्राथमिक विद्यालय खेरवा में तैनाती मिली, जहां वर्ष 2008 में प्रधानाध्यापक बना। अगले साल मार्च में वह सेवानिवृत्त होने वाला था।