सीतापुर/रामपुर मथुरा। सरयू की कछार में बसे 35 गांवों की सैलाब के सितम से जूझती 30 हजार आबादी… पानी में डूबे घर, आंगन, खेत खलिहान और रास्तों पर हिलोरें मारतीं लहरें। गुरुवार को जब जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया तो कुछ ऐसा ही नजारा सामने आया। इस पर बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी गई।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में चारों तरफ बाढ़ का पानी तो है लेकिन सैलाब के बीच बाढ़ पीड़ित पीने के पानी को तरस रहे हैं। घुटनों तक भरे पानी में पैदल निकलना खतरे से खाली नहीं है, फिर भी स्वच्छ पेयजल के लिए बाढ़ पीड़ित जोखिम उठाने को मजबूर हैं।

नाव मिली तो ठीक वरना पैदल ही खतरा मोल लेकर गांव के बाहर सड़क के किनारे लगे हैंडपंप से पानी लाना पड़ रहा है। क्षेत्र के करीब 800 बीघा खेत डूबे हैं।

गुरुवार को बाढ़ की भीषण विभीषिका को देखते हुए विधायक ज्ञान तिवारी, जिलाधिकारी अनुज सिंह व एसपी चक्रेश मिश्रा ने बाबा कुटी, अखरी, अटौरा तथा फत्तेपुरवा आदि गांवों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने बाबाकुटी में रह रहे लोगों को शीघ्र सुरक्षित स्थान पर भेजे जाने के निर्देश महमूदाबाद की एसडीएम शिखा शुक्ला व तहसीलदार सुखवीर सिंह को दिए। तटबंध पर पीड़ितों को तिरपाल व लंच पैकेट का वितरण भी कराया गया है।

बाढ़ पीड़ितों को मुहैया कराई जाएगी बैट्री वाली लाइट

आपदा नियंत्रण व राहत कार्यों के लिए 24 घंटे अलर्ट रहने, नदियों के जल स्तर पर नजर रखने व आपदा प्रबंधन मित्र और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की मदद लेने के निर्देश प्रशासनिक अफसरों को दिए गए हैं। डीएम को सुझाव दिया है, कि बैट्री वाली लाइट खरीद कर वितरित की जाए, जिससे बाढ़ पीड़ितों को रोशनी की समस्या से जूझना न पड़े। अनवरत पेट्रोलिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

– ज्ञान तिवारी, विधायक सेवता



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