Cell block will be used instead of biopsy to test cancer

रायबरेली में शनिवार को एम्स में आयोजित सीएमई में मंचासीन अधिकारी।

एम्स के पैथोलॉजी विभाग में कार्यशाला, कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

पीजीआई चंडीगढ़ व एम्स रायपुर के विशेषज्ञों ने दिए नई जांच प्रक्रिया के टिप्स

संवाद न्यूज एजेंसी

रायबरेली। एम्स के पैथोलॉजी विभाग में शनिवार को आयोजित कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) में कई राज्यों के 40 से अधिक प्रतिनिधियों ने कैंसर सहित अन्य बीमारियों की जांच के लिए सेल ब्लॉक तैयार किए। कैंसर की जांच में बायोप्सी जांच फेल होने पर कैंसर का पता लगाने के लिए जांच की यह विधि बेहद कारगर है। प्रतिनिधियों ने जांच की नई तकनीकी की बारीकियों को जाना। पीजीआई चंडीगढ़ व एम्स रायपुर के विशेषज्ञों ने जांच की नई विधि के टिप्स दिए।

दिमाग, स्किन, हड्डियों, फेफड़े, दिल, लिवर, किडनी सहित कई ऑर्गन की जांच के साथ ही कैंसर में आगे का इलाज और निदान के लिए बायोप्सी जांच होती है। मरीजों में बायोप्सी जांच न हो पाने की दशा में सेल ब्लॉक तैयार करके कैंसर व अन्य बीमारियों को आसानी से पता लगाया जा सकता है। जांच की इस विधि के लिए शनिवार को एम्स में सेल ब्लॉक के सिद्धांत, तैयारी और उपयोगिता विषय पर सीएमई और व्यावहारिक कार्यशाला हुई। सीएमई में दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के 40 प्रतिनिधि शामिल हुए। पैथोलॉजिस्टों ने प्रयोगशाला में सोडियम एल्गिनेट विधि से सेल ब्लॉक तैयार किए।

कार्यशाला में पीजीआई चंडीगढ़ की पैथोलॉजिस्ट डॉ. राधिका श्रीनिवासन ने सेल ब्लॉक डायग्नोस्टिक साइटोपैथोलॉजी में गेम चेंजर्स पर जानकारी दी। उन्होंने कोर बायोप्सी की तुलना में सेल ब्लॉक की तैयारी के महत्व, प्लाज्मा थ्रोम्बिन विधि की तुलना में सोडियम एल्गिनेट विधि के लाभ के बारे में बताया। उद्घाटन एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी ने किया। संचालन एसजीपीजीआई लखनऊ के प्रो. एन. कृष्णानी और एम्स रायपुर के प्रो. अमित चौहान ने किया। डीन एकेडमी और पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज कुमारी ने बताया कि जिस मरीज की बायोप्सी जांच नहीं हो सकती है, सेल ब्लॉक तैयार करके उसकी बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *