रायबरेली। बारिश ने गर्मी और उमस से जरूर राहत दी, लेकिन बिजली व्यवस्था चौपट हो गई। शहर में कई जगह लाइनों में फॉल्ट आने से कहीं दो तो कहीं तीन घंटे बिजली गुल रही। सबसे खराब हालात ग्रामीण क्षेत्र के रहे। कहीं पर बिजली के तारों पर पेड़ गिर गए, तो कहीं पर खंभे टेढ़े हो गए या गिर गए। शाम तक करीब 400 गांवों में बिजली नहीं पहुंची। इससे लोगों को परेशानी से जूझना पड़ा। शहर में बिजली आपूर्ति तो शुरू हो गई, लेकिन आने-जाने जाने का सिलसिला लगा रहा। इससे लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ा।

जिले में पिछले कई दिनों से धूप के चलते लोग गर्मी से बेहाल रहे। गुरुवार को मौसम बदला और बादल छाए रहे। शुक्रवार की सुबह से बारिश शुरू हुई। रुक-रुक हो रही बारिश से बिजली व्यवस्था चौपट हो गई। शहर के इंदिरा नगर, तेलियाकोट, आईटीआई, प्रगतिपुरम में बारिश शुरू होने के कुछ देर बाद बिजली बंद हो गई। हालांकि लाइनों में आए फॉल्ट ठीक करके कहीं पर दो तो कहीं पर तीन घंटे बाद बिजली बहाल करा दी गई। लालगंज तहसील क्षेत्र रेलवे क्राॅसिंग के पास पेड़ गिरने से तार टूटकर सड़क पर बिखर गए। इससे बिजली गुल है। डीह और परशदेपुर विद्युत उपकेंद्र को जाने वाली 33 केवी लाइन पर यूकेलिप्टस का पेड़ गिरने से बिजली बंद रही। दोपहर एक बजे दोनों जगह बिजली बहाल हुई। इसी तरह सलोन तहसील को आने वाली 33 केवी लाइन का पोल टूट गया, लेकिन रग्घूपुर से आने वाली दूसरी 33 केवी लाइन से बिजली आपूर्ति बहाल की गई। वहीं सलोन में ही स्थित विद्युत उपकेंद्र ग्रामीण में तकनीकी खराबी आने से देर शाम तक बिजली गुल रही।

विद्युत उपकेंद्र उतरपारा से निकले मधुपुरी फीडर में कई जगह यूकेलिप्टस के पेड़ गिरने से देर शाम बिजली नहीं आई। गुरुबख्शगंज विद्युत उपकेंद्र से जुड़े गांवों में भी बिजली गुल है। त्रिपुला विद्युत उपकेंद्र से निकले मुंशीगंज और राही फीडर की बिजली शाम चार बजे बहाल हुई। इसी तरह सरेनी, कठगर, डलमऊ, गदागंज विद्युत उपकेंद्रों की लाइनों में फॉल्ट आए। देर शाम तक करीब 400 गांवों की बिजली बहाल नहीं हो पाई थी। इससे उपभोक्ताओं को पेयजल संकट से जूझना पड़ा। लोगों के मोबाइल और घरों में लगे इनवर्टर बंद हो गए। लोग बात करने को तरसते रहे।

जिम्मेदारी से भागते हैं उपखंड अधिकारी

जिले में देर शाम तक 400 गांवों की बिजली गुल रही, लेकिन उपखंड अधिकारी अपने कार्यालयों में दुबके रहे। सबसे ज्यादा फॉल्ट 33 केवी लाइनों में आए। इन लाइनों के फॉल्ट दूर कराना और ट्रांसमिशन से शटडाउन लेना उपखंड अधिकारियों की जिम्मेदारी है, लेकिन ज्यादातर उपखंड अधिकारियों ने मौके पर जाना भी उचित नहीं समझा। अवर अभियंता ही कर्मचारियों के साथ दौड़भाग करके फॉल्ट ठीक कराने में जुटे रहे।

बहाल कराने के हो रहे प्रयास

बारिश की वजह से कई जगह फॉल्ट आए हैं, पोल भी टूटे हैं। उपखंड अधिकारियों और अवर अभियंताओं की टीमें लगाई गईं हैं, जिन गांवों में बिजली नहीं पहुंची, वहां बिजली बहाल कराने के निर्देश दिए गए हैं। देर शाम तक सभी गांवों की बिजली पटरी पर आ जाएगी।

– रामकुमार, अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल द्वितीय



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