रायबरेली। जिला अस्पताल की आवासीय कॉलोनी में बड़े पैमाने पर चोरी से बिजली जलाने का मामला सामने आया है। यहां बिना मीटर के ही क्षमता से अधिक बिजली खर्च की जा रही है। एसी, कूलर व पंखे संग कई इलेक्ट्रिक उपकरणों का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इस मामले में विभाग ने सीएमएस, चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों समेत 50 लोगों को नोटिस दी है। सभी को आवासीय परिसर में बिजली का नया कनेक्शन लेने के आदेश दिए हैं। शनिवार को नोटिस मिलने के बाद कर्मचारियों में अफरातफरी का माहौल रहा। जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल को स्वतंत्र फीडर से जोड़ा गया था, लेकिन लोड अधिक होने से लाइन में फॉल्ट आ गया था। इस वजह से 500 किलोवाट और 80 किलोवाट के दो कनेक्शन देकर बिजली आपूर्ति की जा रही है। बिजली की खपत बढ़ने से क्षमता से अधिक बिजली खर्च हो रही है। यह लाइन में फाल्ट का कारण बना हुआ है। इसका सीधा असर अस्पताल की आपूर्ति पर भी पड़ रहा है। विभाग को भी क्षमता से अधिक बिजली बिल चुकाना पड़ रहा है। हालांकि आवासीय कॉलोनी में खर्च हो रही बिजली के बिल की वसूली नहीं हो पा रही है। सीएमएस ने आवासीय परिसर में रहने वाले सभी डॉक्टरों, कर्मचारियों व अन्य स्टाफ को नोटिस देकर बिजली का नया कनेक्शन लेकर मीटर लगवाने के लिए नोटिस दी है।
दो महीने पहले कटे कनेक्शन, फिर जोड़ ली बिजली
जिला अस्पताल की आवासीय कॉलोनी में अवैध रूप से रह रहे लोग आवास खाली नहीं करना चाहते हैं। दो महीने पहले आवास खाली करने की नोटिस के साथ ही बिजली के कनेक्शन काटे गए थे, लेकिन लोगों ने फिर से बिजली जोड़ ली है। अस्पताल प्रशासन आवासों को खाली कराने में नाकाम है। वहीं, अस्पताल के कई कर्मचारी बाहर किराए पर रहने को मजबूर हैं।
वर्तमान समय में एक ही लाइन से जिला अस्पताल और आवासीय परिसर को बिजली मिल रही है। अस्पताल प्रशासन को पूरे परिसर का बिजली का बिल चुकाना पड़ रहा है। इस कारण राजस्व का नुकसान हो रहा है। अब अस्पताल और आवासीय परिसर की लाइन अलग-अलग कराने का निर्णय लिया गया है। इससे आवासों में रहने वाले लोगों को अपना बिल स्वयं चुकाना पड़ेगा।
नसीराबाद अवैध लोगों को आवास खाली करने के आदेश परशदेपुर
सीएचसी नसीराबाद के आवासों में आरबीएसके की टीम के कर्मचारियों संग एएनएम डेरा जमाये हैं। सीएचसी अधीक्षक ने सभी को नोटिस देकर आवास खाली करने के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक स्टाफ नर्स वंदना सिंह व फार्मासिस्ट रज्जन का तबादला दूसरे अस्पताल के लिए हो गया है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. संजय जायसवाल ने बताया कि स्टॉफ नर्स, फार्मासिस्ट के अलावा चार संविदा कर्मी अवैध रूप से सरकारी आवासों में रह रहे हैं। पुराने भवन में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट स्थापित होनी है। सभी को एक सप्ताह में आवास खाली करने के आदेश दिए गए हैं।