जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सुनाया मुकदमे में फैसला
26 नवंबर 2021 से छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज देने के आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने ट्रक चोरी के मुकदमे में बीमा कंपनी को आंशिक रूप से दोषी करार दिया है। मामले में सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी बीमा कंपनी द्वारा नो क्लेम किया जाना सेवा में कमी है। मामले में आयोग ने बीमा कंपनी को 23 लाख से अधिक रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही बीमा कंपनी को 26 नवंबर 2021 से छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देने के आदेश दिए हैं।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मदन लाल निगम, सदस्य सुनीता मिश्रा व प्रतिमा सिंह ने मुकदमे की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। शहर के जवाहर विहार काॅलोनी निवासी इलियास अहमद पुत्र शेर बहादुर खां ने वर्ष 2014 में 29 लाख ऋण लेकर ट्रक खरीदा था।
बीमा कंपनी से गाड़ी का बीमा कराया था। बीमा पालिसी 16 सितंबर 2020 तक वैध थी। 20/21 सितंबर 2019 की रात अमेठी जिले के जामा थाना क्षेत्र के पूरे चितई के पास से ट्रक चोरी चला गया था। मुकदमा दर्ज कराने के बाद समय से बीमा कंपनी को सूचना भी दी थी, लेकिन 30 जनवरी 2021 को क्लेम को निरस्त कर दिया।
वादी के अधिवक्ता केपी वर्मा ने आयोग को साक्ष्य उपलब्ध कराए कि बीमा कंपनी को समय से ट्रक के चोरी होने की सूचना दी। मांगे गए अभिलेख भी उपलब्ध कराए गए। इसके बाद भी नो क्लेम कर दिया गया। अधिवक्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए आयोग ने मुकदमे को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए एचडीएफसी इरगो जनरव इंश्योरेंस को 23.04 लाख के क्लेम का भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही 26 नवंबर 2021 से छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देने के आदेश दिए हैं।
इनसेट
आयोग का आदेश, सात साल का ब्याज व 3.53 लाख दें
शहर कोतवाली क्षेत्र के अंबेडकर नगर निवासी शशिकांत शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा 19 मार्च 2016 को सफारी कार हादसे का शिकार हो गई थी। बीमा पालिसी वैध होने के बाद भी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम को निरस्त कर दिया था। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अधिवक्ता केपी वर्मा की दलीलों को स्वीकार करते हुए बीमा कंपनी को 3,53,236 रुपये का क्लेम भुगतान करने का आदेश दिया है। बीमा कंपनी को 21 सितंबर 2016 से ब्याज भी देना होगा।