
जिला अस्पताल वार्ड में भर्ती बुखार व अन्य बीमारी से पीडि़त मरीज व साथ में बैठे परिवारीजन। -संवा
जांच में डेंगू के भी तीन नए मरीज मिले, बुखार के 21 मरीज भर्तीथम नहीं रहा डेंगू व एईएस, सीएचसी में इलाज के बंदोबस्त नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली-ऊंचाहार। जिले में डेंगू और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऊंचाहार क्षेत्र में बच्ची समेत दो लोगों की बुखार से मौत हो गई। जिले में जांच में एईएस की चपेट में 10 और बच्चे आने बाद संख्या बढ़कर 53 हो गई है। जिला अस्पताल की एलाइजा जांच में डेंगू के तीन नए मरीज बढ़े हैं। इमरजेंसी में आए बुखार के 21 से अधिक मरीजों को भर्ती कराया गया है।
ऊंचाहार। क्षेत्र के पूरे पासिन मजरे मतरौली गांव निवासी गेंदालाल (52) करीब 10 दिन से बुखार से पीड़ित था। गांव के ही उमेश कुमार की तीन वर्षीय बेटी श्रद्धा भी एक हफ्ते से बुखार की चपेट में थी। दोनों का इलाज बाबूगंज में एक झोलाछाप के यहां चल रहा था। दो दिन पहले अधेड़ की हालत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई।
मासूम श्रद्धा की मंगलवार की रात हालत गंभीर हुई तो परिजनों ने उसको इलाज के लिए सीएचसी पहुंचाया, लेकिन डाॅक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रधान प्रतिनिधि अजय कुमार ने बताया कि दोनों बुखार से पीड़ित थे। सीएचसी ऊंचाहार के अधीक्षक डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि बच्ची को परिजन मृत अवस्था में लाए थे। उसकी मौत कैसे हुई इस बात की जानकारी नहीं है।
जिले में 10 बच्चे एईएस के चपेट में आए हैं। इसमें सतीश (7), आशिकी (5), अंतिमा (11), राज पटेल (12), पारुल (7), अवंतिका (7), रुधांशी (6), विवेक (4), अंकित सरोज (19), अनुराग (5) के एईएस की चपेट में आने के बाद जिला अस्पताल व सीएचसी में भर्ती करके इलाज चल रहा है। कई बच्चों का निजी अस्पतालों में इलाज कराया गया। इसके अलावा जिला अस्पताल की एलाइजा जांच में शशी पांडेय (50), पंकज कुमार (35), मनोज कुमार (30) डेंगू संक्रमित मिले हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद मो. नकवी के नेतृत्व में टीम ने मरीजों के घर पहुंचकर परिवार के लोगों की जांच की है। बुधवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे बुखार के 21 मरीजों को भर्ती किया गया है।
डेंगू वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं, ताला बंद
जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में बुधवार को एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। ऐसे में वार्ड के सभी बेड खाली होने के कारण वार्ड को बंद कराया गया है। सीएमएस डॉ. महेंद्र मौर्या ने बताया कि डेंगू का मरीज आने के बाद वार्ड को खोलकर उसमें भर्ती कराया जाएगा। मरीज न होने के कारण वार्ड को बंद कराया गया है।
सीएचसी-पीएचसी में इलाज के बंदोबस्त नहीं
बुखार, संदिग्ध डेंगू और एईएस के मरीज बढ़ने के बाद भी सीएचसी-पीएचसी में इलाज के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। अस्पतालों में दवाओं के संकट के साथ ही ब्लड जांच की सुविधा तक मरीजों को नहीं मिल पा रही है। मरीजों को बाजार से जरूरी जांचें करवानी पड़ रही हैं। मरीज दवाएं भी बाजार से खरीद रहे हैं।
मरीजों को मुहैया कराई जा रहीं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण संक्रामक रोग बढ़े हैं। ऐसे में लोग एहतियात बरतें। अस्पतालों में इलाज व जांच के पर्याप्त बंदोबस्त हैं। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है।-डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ