संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Tue, 06 Jun 2023 12:11 AM IST
रायबरेली। मनरेगा में गड़बड़झाला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अमावां ब्लॉक की ग्राम पंचायत संदीराम में बेटे व बहू का जॉब कार्ड बनवा कर मनरेगा में मजदूरी के नाम पर हजारों की धनराशि हड़पने का मामला सामने आया है। आरोप है कि संदीराम गांव के प्रधान ने जीत के बाद दोनों बेटों व एक बहू के नाम का जॉबकार्ड बनवा कर मजदूरी के एवज में अब तक 70 हजार से ज्यादा की धनराशि हड़प ली है। शिकायत के बाद उपायुक्त मनरेगा ने ब्लॉक के एपीओ को पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया है।
अमावां ब्लॉक के संदीराम गांव के प्रधान अवधेश कुमार मौर्या के बेटे इंद्रजीत ने जॉबकार्ड संख्या यूपी 33008041002/130 और दूसरे बेटे रंजीत व बहू शांती देवी ने यूपी33008041002/389 के माध्यम से वर्ष 2021-22 से लगातार मनरेगा में काम किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रधान पुत्र रंजीत, शांती व इंद्रजीत अब तक बिना काम के ही मनरेगा के तहत करीब 20 हजार रुपये की मजदूरी ले चुके हैं। इसके पूर्व पिछले साल 25 हजार व वर्ष 2021-22 में करीब 35 हजार की धनराशि बतौर मनरेगा मजदूरी ली थी।
इस संबंध में ग्राम प्रधान अवधेश मौर्या का कहना है कि उनका सिर्फ एक लड़का ही मनरेगा में काम करता है। उसका जॉबकार्ड भी बना है। ग्राम रोजगार सेवक हरीराम का कहना है कि प्रधान पुत्र मनरेगा के तहत मेट का काम करते हैं। इसी कारण उन्हें मजदूरी मिली है। जबकि अमावां के एपीओ शुभ्रांशु बाजपेयी का कहना है कि प्रधान पुत्र मेट का काम नहीं कर सकते हैं। सभी गांवों में महिलाओं को ही मेट बनाया गया है। उपायुक्त मनरेगा मुकेश कुमार ने बताया कि संदीराम गांव में प्रधान पुत्रों व बहू द्वारा मनरेगा में काम के एवज में मजदूरी हड़पने के मामले की जांच एपीओ को सौंपी गयी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।