– तत्कालीन कुलपति माहरुख मिर्जा ने की थी नियुक्ति

– कार्यपरिषद में लगी निलंबन की मुहर, अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी संस्तुति

संवाद न्यूज एजेंसी लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में तीन वर्ष से फर्जी डिग्री के दम पर नौकरी कर रही शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है। विवि में बृहस्पतिवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में पॉलिटिकल विभाग में सहायक अचार्य डॉ. ताबिंदा सुल्ताना के निलंबन पर मुहर लगाई गई। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई। विवि में इससे पहले वर्ष 2022 में भी कंप्यूटर साइंस विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अनम फातिमा को अनर्ह मानते हुए राज्यपाल ने बर्खास्त कर दिया था।

भाषा विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 में कुलपति प्रो. माहरुख मिर्जा के कार्यकाल में 22 शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थीं। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इसके बाद शिकायतों का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने रिटायर्ड जज एसके त्रिपाठी की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित कर जांच करने के निर्देश देते हुए कुलपति को छुट्टी पर भेज दिया था। न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में भर्तियों में मानकों का पालन न किए जाने की रिपोर्ट देते हुए कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। वर्तमान में भी करीब 14 शिक्षकों की नियुक्ति की जांच चल रही है, जो हाइकोर्ट की रिटायर्ड जज कर रही हैं। इसकी अंतिम रिपोर्ट जल्द आ जाएगी, जिसके बाद बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।

भर्तियों गड़बड़ी से पुराना नाता

भाषा विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षकों की नियुक्तियों में गड़बड़ियों का पुराना इतिहास है। यहां वर्ष 2013 में तत्कालीन कुलपति अनीस अंसारी के समय में हुई 28 नियुक्तियों में ऑडिट रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, शिक्षकों के रसूख के चलते यह जांच रिपोर्ट आज भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।

सीधे प्रोफेसर पद पर नियुक्ति

भाषा विवि 2013 में भर्तियों में जब अस्सिटेंट प्रोफेसर पद के लिए इंटरव्यू हुए तो आरोप लगा कि उस समय आचार्य पद साक्षात्कार देने आए एक शख्स को सीधे प्रोफेसर पद पर नियुक्ति दे दी गई। आरोप यह भी है कि इस शिक्षक के पास कोई शैक्षिक अनुभव भी नहीं था। इसका खुलासा तत्कालीन ऑडिट रिपोर्ट में किया गया, लेकिन इस रिपोर्ट पर आज तक कार्रवाई नहीं की गई है।

दस्तावेज सत्यापन से खुली पोल

नियुक्ति के बाद शिक्षिका के दस्तावेज सत्यापन के लिए संबंधित संस्थानों को पत्र भेजा गया था। शिक्षिका की एमए पॉलीटिकल साइंस की डिग्री मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश की थी। वहां से आई रिपोर्ट के अनुसार विवि में इस नाम का शैक्षिक अभिलेख जारी होने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके बाद कार्यपरिषद ने शिक्षिका को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

-प्रो. एनबी सिंह कुलपति भाषा विवि



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