रायबरेली। एदारा-ए-शरैया के तत्वावधान में सोमवार की रात मोहल्ला सैयद नगर में जश्न आमदे मुस्तफा का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता मौलाना मो. कमालुद्दीन ने कहा कि इस्लाम में सिर्फ नमाज, रोजा, हज और जकात का नाम इबादत नहीं है। भूखों को खाना खिलाना, प्यासों को पानी पिलाना, भूलने वाले को रास्ता बताना, तकलीफ पहुंचाने वाली चीजों को रास्ते से हटाना भी इस्लाम में इबादत माना जाता है।
जलसे का आगाज कारी फरीद अहमद अशरफी ने कुरानपाक की तिलावत से किया। कारी रमीज रजा, हाफिज नूर मोहम्मद और कामिल रायबरेलवी ने नाते पाक पेश की। मुफ्ती कमाल उद्दीन अशरफी, मौलाना मो. राहत हुसैन मिस्बाही, मौलाना मो. इजहार खान, हाफिज अब्दुल मन्नान, हाफिज वसीम अकरम, मौलाना खलील अहमद कादरी, मौलाना मो. इजहार अशरफ ने भी विचार व्यक्त किए। मौलाना अरबीउल अशरफ ने दुआ की। इस मौके पर एजाज अहमद, इजहार खान, जलील अहमद, रफीक आदि मौजूद रहे।
जश्न आमदे रसूल में पेश की नातपाक
रायबरेली। दारुल उलूम हबीबिया गुलशने रजा की ओर से जश्न आमदे रसूल का दूसरा जलसा सोमवार रात जगपाल ताल में आयोजित हुआ। हाफिज शाहरूख ने कुरानपाक की तिलावत की। मौलाना तसव्वर अली मिस्बाही, हाफिज गुलफाम फैजाबादी, मौलवी फहीम जायसी, कारी सुल्तान रजा, हाफिज इजहार ने नातपाक पेश की। मुख्य वक्ता हाफिज व कारी शाबानुद्दीन ने पैगंबरे इस्लाम की जिंदगी पर रोशनी डाली। संचालन हाफिज सुहैल अख्तर रजा खान ने किया। इस मौके पर हाफिज अनीस कुरैशी, मुफ्ती फैयाज अहमद, मौलाना शकील आजमी, कारी नौशाद आलम, हााफिज मो. मुश्ताक, कारी मो. कमर रजा, हाफिज वली मोहम्मद आदि मौजूद रहे। (संवाद)