किसान नहीं कर पा रहे धान की सिंचाई, टुकड़ों में मिल रही बिजली
गर्मी व उमस से लोग परेशान, ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा परेशानी
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। जिले में गर्मी और उमस से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। ऊपर से बिजली कटौती खूब हो रही है। शहर में जहां लोग बिजली की ट्रिपिंग से बेहाल हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का शेड्यूल बिगड़ गया है। बिजली आने-जाने का कोई समय तय नहीं है। रात में चार से पांच बार अघोषित कटौती की जाती है। इससे लोगों की नींद हराम हो रही है। बिजली कटौती की वजह से किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
पिछले दिनों मौसम में नरमी और हल्की बारिश होने से बिजली की मांग में कमी आई थी, लेकिन पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने से गर्मी और उमस बढ़ गई है। पानी के अभाव में धान की फसल भी सूखने लगी। यही वजह है कि बिजली की मांग 325 से बढ़कर 350 मेगावाट तक पहुंच गई। दो दिन पहले बिजली की लाइन में फॉल्ट आने से जमुनापुर और गदागंज विद्युत उपकेंद्र की बिजली कई घंटे गुल रही है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। लाइन ठीक हुई तो अघोषित कटौती से लोग जूझ रहे हैं। इसी तरह बिजली की मांग बढ़ने से गुरुबख्शगंज, अटौरा, खीरों, डीह व छतोह विद्युत उपकेंद्र ओवरलोड हो गए हैं।
अघौषित कटौती से नींद हराम
रात में बिजली की ज्यादा अघोषित कटौती होती है। हालात यहां तक हो गए हैं कि एक घंटे बिजली मिलने के बाद आधे घंटे या फिर एक घंटे की कटौती हो जाती है। इससे गर्मी और उमस से लोग सो नहीं पाते हैं। गदागंज के उपभोक्त रामसिंह यादव, डलमऊ के राजेश कुमार त्रिवेदी, कठगर के रामदेव पाल ने बताया कि बिजली कटौती से धान की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है। बिजली की आवाजाही से रात भर नलकूप चलाने के लिए दौड़भाग करनी पड़ रही है। डीह के रामशंकर वर्मा, जगतपुर के रामप्रसाद यादव ने बताया कि बिजली कटौती से उमस भरी गर्मी में नींद नहीं आती। इस वजह से जागकर रात बितानी पड़ रही है।
ट्रक की टक्कर से पोल टूटा, तीन घंटे बिजली गुल
रायबरेली। शहर में फायर स्टेशन के सामने ट्रक की टक्कर से बिजली का पोल टूट गया। इससे कलेक्ट्रेट, फायर स्टेशन रोड, पुलिस अधीक्षक कार्यालय समेत अन्य सरकारी विभागों की बिजली गुल रही है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। पावर कॉर्पोरेशन की टीम ने दूसरा पोल लगवाकर बिजली आपूर्ति बहाल कराई।
मांग बढ़ने से आ रही समस्या
मौजूदा समय में मांग बढ़ने से बिजली की अघोषित कटौती ऊपर स्तर से हो रही है। स्थानीय स्तर पर कोई कटौती नहीं की जाती। जो फॉल्ट आ रहे हैं उन्हें कम समय में ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं।
-रामकुमार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल, द्वितीय