रायबरेली। मच्छरजनित रोगों से लोगों को बचाने के लिए एक जुलाई से शुरू होने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तैयारियां अधूरी हैं। डीएम के आदेश के बाद भी माइक्रोप्लान भी अब तक अधूरा है। सीएचसी व पीएचसी पर जागरुकता के लिए संसाधन तक नहीं भेजे गए हैं। पिछले साल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण डेंगू और एईएस के बड़ी संख्या में मरीज मिले थे। इस साल भी जिला मलेरिया अधिकारी की मनमानी का खामियाजा जिले के लोग भुगतेंगे।

बारिश के मौसम में मच्छरजनित रोग हर साल बढ़ जाते हैं। इसी कारण स्वास्थ्य विभाग की ओर से मच्छरों से लोगों को बचाने और शहर से लेकर गांव तक सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है। अभियान को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी जिला मलेरिया अधिकारी को दी गई है। लापरवाही के कारण पिछले साल डेंगू के पौने दो सौ मरीज मिले थे। एईएस के मरीजों की संख्या भी 50 से अधिक थी। दवा का छिड़काव तक नहीं कराया गया था।

इस बार एक जुलाई से अभियान शुरू होने वाला है, लेकिन तैयारियां पूरी नहीं हो सकी हैं। डीएम ने पूर्व में बैठक में माइक्रोप्लान तैयार करके काम शुरू करने के आदेश दिए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण माइक्रोप्लान तक अब तक पूरा नहीं हो सका है।

सीएमओ दफ्तर में ही गंदगी और जलभराव

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के परिसर में ही जगह-जगह पानी भरा है। गंदगी का भी अंबार है। जिला मलेरिया कार्यालय के बगल में मच्छरों के पनपने के पर्याप्त बंदोबस्त है। जब सीएमओ कार्यालय में ही यह हाल है तो शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग किस तरह से लोगों को मच्छरों से बचा पाएगा।

पूरी की जाएंगी कमियां

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक जुलाई से चलेगा। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जो कमियां हैं, उन्हें भी जल्द ही पूरा करा लिया जाएगा। लोगों को मच्छरों से बचाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। – भीखुल्लाह, जिला मलेरिया अधिकारी



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