रायबरेली। आईसीएसई और आईएससी में अपनी मेधा का परचम लहराने वाले मेधावियों की राय में मोबाइल का प्रयोग उतना ही करना चाहिए, जितना जरूरी हो। ऐसा नहीं कि मोबाइल का प्रयोग करने से पढ़ाई बाधित होती है, बल्कि मोबाइल के जरिए इंटरनेट का प्रयोग करके अपने ज्ञान को बढ़ाया जा सकता है। मोबाइल के दुरुपयोग से बचना चाहिए और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना चाहिए। पढ़ाई पर जितना ज्यादा ध्यान देंगे, कठिन से कठिन विषय भी उतना आसान लगने लगेगा। किसी भी परीक्षा में सफलता पानी है तो उसके लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है। कार्ययोजना बनाकर नियमित अध्ययन करें। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें। सभी मेधावियों ने अपना लक्ष्य तय कर लिया है, जिसके लिए वह आगे भी इसी तरह मेहनत से सफलता हासिल करते रहेंगे।
रायबरेली। आईसीएसई (10वीं) में 98.4 प्रतिशत अंकों के साथ जिले में पहला स्थान बनाने वाले विमर्श शुक्ला का सपना आईएएस बनना है। विमर्श के पिता विमल शुक्ला इसी जनपद में जिला पूर्ति अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। मां विभा शुक्ला गृहणी हैं। छोटा भाई विवर्ट शुक्ला कक्षा चार में पढ़ता है। मूलरूप से मिर्जापुर के रहने वाले विमर्श का परिवार यहां राजकीय कालोनी में रहता है। उनका कहना है कि उसके आदर्श नाना इंद्रजीत हैं, जिनसे उन्हें प्रेरणा मिलती है। उनके नाना रिटायर्ड प्रोफेसर हैं और कुशी नगर में रहते हैं। वह हमेशा मन लगाकर पढ़ाई करने को कहते हैं। इसीलिए उन्होंने स्कूल के बाद घर में रोजाना पांच घंटे मन लगाकर पढ़ाई की। सबसे पहले पाठ्यक्रम पूरा किया, फिर परीक्षा से पहले रिवीजन कर लिया। इससे सफलता मिली। वह कहता है कि अगर कार्ययोजना बनाकर हर रोज मन लगाकर पढ़ाई की जाए तो सफलता जरूर मिलती है।
रायबरेली। शहर के राना नगर निवासी अलीशा मागो ने आईएससी (12वीं) में 95.5 प्रतिशत अंकों के साथ जिले में पहला स्थान बनाया है। उनके पिता अमित मागो व्यवसायी हैं। मां मोनिका मागो उसी स्कूल में शिक्षिका हैं, जहां अलीशा ने पढ़ाई की। छोटा भाई अभिनव मागो कक्षा नौ में पढ़ता है। अलीशा का सपना रिसर्च साइंटिस्ट बनना है। वह कहती है कि उसे अपनी मां से प्रेरणा मिली। स्कूल के शिक्षक भी मार्गदर्शन करते रहते हैं। यही वजह है कि उसने रिसर्च साइंटिस्ट बनने का फैसला लिया है। अलीशा का कहना है कि अच्छे अंकों से पास होने के लिए पूरे साल रोजाना आठ-नौ घंटे पढ़ाई की। घर में अध्ययन पर ज्यादा जोर दिया, ताकि हर विषय पूरी तरह समझ सके। जहां जरूरी हुआ, वहां मोबाइल से इंटरनेट की मदद भी ली। मोबाइल का बेवजह प्रयोग कर समय बर्बाद नहीं होने दिया। सभी विद्यार्थियों से यही कहना चाहूंगी कि मेहनत करें, हमेशा अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें।
