
रायबरेली में मंगलवार को गोरा बाजार स्थित उप कृषि निदेशक कार्यालय में बनी लैब।
रायबरेली। रासायनिक खादों के अधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की सेहत खराब हो रही है। जल्द नहीं चेते तो भविष्य में हालात और चिंताजनक हो जाएंगे। फसल उत्पादन बेहद कम हो जाएगा। कृषि विभाग की ओर से कराई गई जांच में खुलासा हुआ है कि मिट्टी में पोषक तत्व नाइट्रोजन, पोटाश, सल्फर की कमी हो गई है।
कृषि विभाग की ओर से वर्ष 2022-23 में जिले के 18 ब्लॉकों के दो-दो गांवों से 7,404 मिट्टी के नमूने लिए गए। 36 गांवों से लिए गए मिट्टी के नमूनों की उप कृषि निदेशक कार्यालय स्थित प्रयोगशाला से जांच हुई थी। जांच में पुष्टि हुई कि सदर तहसील क्षेत्र की मृदा में फासफोरस की उपलब्धता अति न्यून (सबसे कम), लालगंज में न्यून और महराजगंज, डलमऊ, सलोन, ऊंचाहार में उच्च पाया गया है। इसी तरह महराजगंज क्षेत्र की मिट्टी में पोटाश की उपलब्धता ठीक है, लेकिन अन्य तहसीलों क्षेत्रों में पोटाश की उपलब्धता बेहद कम है।
सदर तहसील की मृदा में सल्फर की उपलब्धता ठीक है, लेकिन बाकी तहसीलों में पोटाश बेहद कम है। इसका असर फसल उत्पादन पर पड़ रहा है। अब पीएम प्रणाम योजना के तहत किसानों को जागरूक किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कम कराना और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।
इन गांवों की मिट्टी की सेहत खराब
राही ब्लॉक क्षेत्र के मोनई, चकरार, हरचंदपुर ब्लॉक क्षेत्र के स्योंठी, पारा, सतांव ब्लॉक क्षेत्र के गौरी सतांव, गढ़ी दूूलाराय, अमावां ब्लॉक क्षेत्र के चकलोहराधर, कंचौदा नानकारी, लालगंज ब्लॉक क्षेत्र के प्रतापपुर, महाखेड़ा गांवों की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी पाई गई है। वही, सरेनी ब्लॉक क्षेत्र के डिघिया, गजियापुर, खीरों ब्लॉक क्षेत्र के मालपुर, मदनापुर, डीह ब्लॉक क्षेत्र के धनकेसरा, सेरनाथपुर, सलोन ब्लॉक क्षेत्र के कलीपुर, लहुरेपुर, छतोह ब्लॉक क्षेत्र के पूरे राई, महानंदपुर, बछरावां ब्लॉक क्षेत्र के पलिया, सेहगों पूरब, शिवगढ़ ब्लॉक क्षेत्र के नियत कुंवरखेड़ा गांवों में भी यही स्थिति है। इसके अलावा रामपुर खास, महाजगंज ब्लॉक क्षेत्र के बसकटा, अतरा, ऊंचाहार ब्लॉक क्षेत्र के हरिहरपुर, जसौली, जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र के जगोपट्टी कशन, जोग पट्टी दामोदर, रोहनिया ब्लॉक क्षेत्र के सलारपुर, सिकंदराबाद, डलमऊ ब्लॉक क्षेत्र के दाउदपुर राम नगर, सरवारा, दीनशाहगौरा ब्लॉक क्षेत्र के गुरभुजपुर, बेहीखुर्द गांवों की मिट्टी में भी पोषक तत्वों की कमी है।
तीन साल में उर्वरकों की बिक्री पर एक नजर
उर्वरक वर्ष 2020-21 वर्ष 21-22 वर्ष 2022-23
यूरिया 109880 106708 110448
डीएपी 48843 40618 38203
एनपीके 5303 8363 4338
पोटाश 3909 1560 1558
नोट- आंकड़े मीट्रिक टन में हैं।
जैविक खादों का करें प्रयोग
पिछले साल 36 गांवों की मिट्टी की जांच कराई गई थी। जांच में इन गांवों की मिट्टी में पोटाश, नाइट्रोजन, फासफोरस की कमी पाई गई है, जो चिंता की बात है। मिट्टी की सेहत ठीक न होने की वजह से फसल उत्पादन कम हो रहा है। किसानों को चाहिए कि वह खेतों में रासायनिक के बजाय जैविक खादों का प्रयोग करे।
– डॉ. गोविंद सिंह, प्राविधिक सहायक, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला
किसानों का किया गया जागरूक
पीएम प्रणाम योजना के तहत किसानों को रासायनिक खादों का उपयोग कम करने के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। सभी उर्वरक दुकानदारों को निर्देश दिए गए हैं कि खेती के हिसाब से ही किसानों को उर्वरक की बिक्री करे। ऐसा न होने पर कार्रवाई की जाएगी।
– अखिलेश पांडेय, जिला कृषि अधिकारी