इलाज के बाद दो माह के राघव का हाथ सड़ने के बाद मौत का मामला
मंडलायुक्त के आदेश पर एडीएम व सीएमओ की टीम को सौंपी थी जांच
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब के आदेश पर सत्यम हॉस्पिटल के खिलाफ शुरू हुई उच्च स्तरीय जांच आखिरकार पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट भी कमिश्नर को भेजी गई है। अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का मानना है कि जांच के नाम पर अधिकारियों ने अस्पताल को क्लीनचिट दे दी है। मंडलायुक्त की हरी झंडी के बाद लाइसेंस भी बहाल करने की अंदर ही अंदर कवायद शुरू कर दी गई है।
शहर के इंदिरा नगर स्थित सत्यम हॉस्पिटल में इलाज के बाद बीती आठ जुलाई को दो माह के नवजात राघव की एम्स में हाथ काटे जाने के बाद मौत हो गई थी। मामले में मंडलायुक्त के आदेश पर बीती 27 जुलाई को सीएमओ ने सत्यम हॉस्पिटल के लाइसेंस को निलंबित करके नोटिस हॉस्पिटल के गेट पर चस्पा करा दी थी। मंडलायुक्त के आदेश पर डीएम ने उच्च स्तरीय जांच के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व पूजा मिश्रा और सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह की कमेटी गठित कर दी थी।
एडीएम पूजा मिश्रा का कहना है कि जांच पूरी कर ली गई है। रिपोर्ट भी मंडलायुक्त को भेज दी गई है। जांच में क्या मिला, इसके बारे में उन्होंने बताने से इंकार करते हुए बताया कि मंडलायुक्त के निर्देश पर मामले में आगे निर्णय लिया जाएगा। उधर, सूत्रों का कहना है कि जांच में अस्पताल के खिलाफ टीम को कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। ऐसे में अस्पताल को क्लीनचिट मिल सकती है। जल्द ही निलंबित लाइसेंस को भी बहाल किया जा सकता है। मामले में सीएमओ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं। हालांकि जांच रिपोर्ट को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।