पहले इंदिरा गांधी तो फिर उनकी बहू सोनिया गांधी ने सांसद बनकर किया जिले का विकास

गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वाली शीला कौल ने एक बार जिले से जीता लोकसभा चुनाव

संवाद न्यूज एजेंसी

रायबरेली। महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा में पेश हो गया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम का यह बिल चर्चा में है। जिले की सियासत की बात करें तो महिलाओं ने राजनीति में भी नारी शक्ति की मिसाल पेश करते हुए इतिहास रचा है। चाहे फिर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रहीं हो या फिर उनकी बहू सोनिया गांधी, सांसद बनकर जिले का खूब विकास किया। इंदिरा गांधी ने तो प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया, जबकि उनकी बहू सोनिया गांधी कांग्रेस की केंद्र सरकार में एक ताकतवर महिला के रूप में उभरीं। इस बिल के आने के बाद राजनीति से लेकर अन्य क्षेत्रों में अब और महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

जिले के लोकसभा चुनाव मेंं महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा चर्चा में रही है। वर्ष 1967 और 1971 में इंदिरा गांधी ने यहां से लोकसभा का चुनाव लड़़ा और जीत हासिल करके संसद पहुंची। वह प्रधानमंत्री बनी। प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा ने जिले के विकास में अहम भूमिका निभाई। किसानों को पानी उपलब्ध कराने के लिए नहरों का जाल बिछवाया। खाली हाथों को रोजगार दिलाने के लिए उद्योग लगवाए। सड़कों का जाल बिछवाया। वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना भी करना पड़़ा, लेकिन उन्होंने जिले के विकास में कभी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इंदिरा गांधी को जनता पार्टी के राजनारायन ने हराया था।

वर्ष 1989 और 1991 के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार की करीबी रहीं शीला कौल रायबरेली की सांसद चुनी गईं। उन्होंने भी गांधी परिवार की विरासत को संभालते हुए विकास कार्य कराए और नारी शक्ति की मिसाल पेश की। इसके बाद सोनिया गांधी ने अपनी सास की राजनीति विरासत को संभाला। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद भी उनके कदम नहीं रुके। वर्ष 2009 में सोनिया गाधी ने बसपा के आरएस कुशवाहा और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय अग्रवाल को हराकर भी फिर सांसद पहुंची। वर्ष 2019 के चुनाव में सोनिया गांधी ने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को हराकर फिर जीत हासिल की। राजनीति में महिलाओं का यह दबदबा बताता है कि वह अब किसी से कम नहीं हैं।

सिर्फ कांग्रेस में ही मिली महिलाओं को तवज्जो

महिला आरक्षण को लेकर पार्टियां आवाज तो जरूर उठाती हैं, लेकिन रायबरेली के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ही महिलाओं को चुनाव लड़ाने में आगे रही है। जिले में 1952 से लोकसभा चुनाव की शुरुआत हुई थी। तब से लेकर अब तक कांग्रेस ने इंदिरा गांधी, शीला कौल, सोनिया गांधी को चुनाव लड़ाया। अन्य सपा, भाजपा, बसपा ने इस चुनाव में महिलाओं को मैदान में नहीं उतारा है।



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