संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Wed, 01 Nov 2023 12:48 AM IST
रायबरेली। बछरावां क्षेत्र में करीब 15 साल पहले अनुसूचित जाति की महिला से हुए सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में दोषसिद्ध होने पर कोर्ट ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 20-20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायालय स्थित एससी-एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश त्रिपुरारी मिश्रा ने मंगलवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक (एससी-एसटी एक्ट) विनय शुक्ला व संदीप सिंह के मुताबिक घटना की रिपोर्ट पीड़िता ने थाना बछरावां में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार 15 मई 2008 की रात उसके साथ चार लोगों ने दुष्कर्म किया।
विवेचना के बाद पुलिस ने गट्टू उर्फ प्रबोध चौधरी, संजय कुमार, गंगाचरन व महेश कुमार के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर चारों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए एससी-एसटी एक्ट में उम्रकैद एवं दुष्कर्म में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने अर्थदंड जमा होने पर आधी धनराशि पीड़िता को देने का भी आदेश दिया है।