
रायबरेली में शहर के गोड़वा गदियानी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट। -संवाद
केंद्र सरकार से झंडी का इंतजार, रुकेगी पानी बर्बादी, मिलेगी सस्ती बिजली
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। सीवर के पानी से बिजली बनाए जाने का प्रस्ताव बनाकर ऊर्जा मंत्रालय और एनटीपीसी ऊंचाहार को भेज दिया गया है। ऐसे में अब केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। ऐसा होने पर पानी की बर्बादी रोकने के साथ ही सस्ती दर पर बिजली भी मुहैया होगी।
दरअसल, केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की टैरिफ पॉलिसी-2016 में वेस्ट वाटर (खराब पानी) को पुन: उपयोग में लाए जाने का निर्देश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि वेस्ट वाटर को शुद्ध करके इसका प्रयोग जिले के किसी इंडस्ट्री (उद्योग) में किया जाए। शासन के निर्देश पर जल निगम ने एनटीपीसी ऊंचाहार को सीवर का पानी सप्लाई करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया। सीवर पानी की सप्लाई के लिए शहर के गोड़वा गदियानी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से एनटीपीसी ऊंचाहार तक 42 किमी. लंबी लाइन बिछाई जाएगी।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब तीन अरब रुपये का खर्च होने का प्रस्ताव बना है। इसका वहन एनटीपीसी करेगी। वाहनों को धोने, उद्योगों के संचालन समेत अन्य कार्यों में लोग हैंडपंपों, नलकूपों से निकले शुद्ध पेयजल का प्रयोग करते हैं। इससे काफी पानी की बर्बादी होती है।
वेस्ट वाटर का प्रयोग जब बिजली बनाने के लिए होने लगेगा तो हैंडपंपों, नलकूपों से निकलने वाले शुद्ध पेयजल की बचत हो सकेगी। ऐसे में लोगों को भविष्य में आशंकित पानी के संकट से भी बचाया जा सकेगा। जल निगम के जेई आशीष यादव के मुताबिक सीवर के पानी से बिजली बनाए जाने के प्रस्ताव को ऊर्जा मंत्रालय और एनटीपीसी ऊंचाहार को भेजा गया है।
सई नदी में छोड़ा जा रहा 40 लाख लीटर पानी
अमृत योजना के तहत शहरवासियों को सीवर से राहत दिलाने के लिए न सिर्फ पाइप लाइन डाली जा रही है, बल्कि गोड़वा गदियानी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी बनाया गया है। शहर के सीवर के पानी को एसटीपी में शुद्ध करने के बाद नदी में छोड़ा जाता है। एसटीपी की क्षमता 80 लाख लीटर की है, जबकि मौजूदा समय में करीब 40 लाख लीटर वेस्ट वाटर को शुद्ध किया जा रहा है। इस पानी की आपूर्ति एनटीपीसी ऊंचाहार को होगी तो पानी से बिजली बनाने के साथ ही शुद्ध पेयजल की बचत भी होगी।
सस्ते दर पर लोगों को मिलेगी बिजली
सीवर के पानी से एनटीपीसी ऊंचाहार में बिजली बनने से सस्ते दर पर लोगों को बिजली मिल सकेगी। पानी की बचत भी होगी। केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद इस कार्य को शुरू करा दिया जाएगा।
-देवेंद्र कुमार, एक्सईएन, जलनिगम