रायबरेली। जिला एवं सत्र न्यायालय स्थित एससी/एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश त्रिपुरारी मिश्रा ने मंगलवार को 23 साल पुराने हत्या के एक केस में चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी पर 26-26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक (एससी/एसटी एक्ट) विनय शुक्ला व संदीप सिंह के मुताबिक घटना की रिपोर्ट अशोक कुमार ने थाना शिवगढ़ में 10 दिसंबर 2000 को दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार नौ दिसंबर 2000 को वादी के भाई राजकुमार से सुरेश कुमार का विवाद हो गया था। इस पर सुरेश कुमार, गंगा प्रसाद, रामपाल, नन्हा, बली, अचल उर्फ रामअचल व शबनम ने हमलाकर वादी के पिता ननकू प्रसाद की हत्या कर दी।

विवेचना के बाद पुलिस ने शिवगढ़ क्षेत्र के लालगंज, बहुदाखुर्द निवासी सुरेश कुमार, रामपाल, नन्हा, बली, गंगा प्रसाद, अचल उर्फ रामअचल व शबनम के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। ट्रायल के दौरान रामपाल, नन्हा व बली की मृत्यु हो गई।

कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोषी पाते हुए शेष चारों अभियुक्तों सुरेश कुमार, गंगा प्रसाद, अचल उर्फ रामअचल व शबनम को उम्रकैद व अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने अर्थदंड जमा होने पर मृतक की पत्नी को 30 हजार व दोनों बेटों को 20-20 हजार रुपये देने का भी आदेश दिया।



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