लखनऊ। हिंदू बुजुर्ग उदय शंकर दुबे की मौत के बाद उनकी अस्थियां महानगर के क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफना दी गईं। यह सारा कृत्य कब्रिस्तान की जमीन कब्जाने के लिए किया गया। मृतक की बेटी ने यह आरोप लगाते हुए कोर्ट में अर्जी डाली थी। कोर्ट के आदेश पर महानगर थाने में इस मामले में 6 लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
गोमतीनगर विरामखंड निवासी सुनीति के मुताबिक हजरतगंज के सप्रू मार्ग निवासी पिता उदय शंकर दुबे की चार सितंबर 2021 को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। वे सेंट्रल बार एसोसिएशन व जिमखाना क्लब के सदस्य थे। पिता की मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से बैकुंठ धाम पर हुआ था। अंतिम संस्कार के करीब तीन महीने बाद जानकारी हुई कि मेरे पिता को ईसाई घोषित कर उनकी अस्थियों को निशातगंज स्थित क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफना दिया गया। अस्थियों को कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा करने के लिए दफनाया गया।
दोनों भाई-भाभी लखनऊ क्रिश्चियन बरियल बोर्ड के सदस्य हैं
सुनीति के मुताबिक उदय शंकर दुबे जीवन पर्यंत हिंदू धर्म में आस्था रखते थे। ऐसे में पिता की मौत के बाद उनकी आस्था को ठेस पहुंचाई गई। सुनीति का आरोप है कि यह कृत्य उनके भाई रवि, विजय, उनकी भाभी नम्रता व अर्पिता, कब्रिस्तान से जुड़े जगदीप जेम्स जोजफ व वेद प्रकाश ने किया। सुनीति के मुताबिक उनके दोनों भाई व भाभी लखनऊ क्रिश्चियन बरियल बोर्ड के नामित सदस्य हैं। प्रभारी निरीक्षक महानगर प्रशांत कुमार मिश्रा के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर छह आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।